Uttar Pradesh police ready for MahaKumbh: महाकुंभ में रहेगी चाक चौबंद सुरक्षा, नभ व जल से होगी निगहबानी

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-राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने महाकुंभ 2025 के दौरान रासायनिक एवं परमाणु आपदाओं से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण कराया गया 


महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षा कर्मी।


प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ 


महाकुंभ को लेकर पुलिस ने प्रयागराज क्षेत्र के संगम के मेला क्षेत्र में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की है। नभ, थल और जल से निगहबानी होगी। पुलिस ने हर तरह की आपदा और अनहोनी से निपटने का इंतजाम किया है। इसको लेकर शुक्रवार को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने महाकुंभ मेला पुलिस को मेला क्षेत्र को प्रत्येक प्रकार की आपदा से सुरक्षित करने के लिए निर्देश दिया है।


प्रशिक्षण में जानकारी देते प्रशिक्षक।


उनके निर्देश पर कुंभ मेला क्षेत्र में शुक्रवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने महाकुंभ 2025 के दौरान रासायनिक एवं परमाणु आपदाओं से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। रासायनिक एवं परमाणु आपदाओं जैसी संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए मेला प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन एवं चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। इसका शुभारम्भ प्राधिकरण के मा. उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने किया। इस प्रशिक्षण में सभी शामिल  हुए। परमाणु ऊर्जा विभाग के शरद सेठ ने बताया कि पूरी तरह से तैयार हैं, श्रद्धालुओं को मेला में बेफिक्र और निर्भीक होकर श्रद्धा के संगम में डुबकी लगा के जाना चाहिए।


प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सुरक्षा कर्मी।


महाकुंभ 2025 के आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार एवं यूपी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लखनऊ के संयुक्त प्रयास से प्रयागराज में परमाणु दुर्घटना से बचाव एवं सुरक्षा विषय " इंटीग्रेटेड मिशन फॉर प्रिपेयर्डनेस एंड अवेरनेस कम ट्रैंनिंग (IMPACT) फॉर रेडियोलॉजिकल एंड न्यूक्लियर इमरजेंसी पर विशेष प्रशिक्षण शुक्रवार को पुलिस लाइन, परेड संकल्प पंडाल हॉल में किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर और रासायनिक (सीबीआरएन) आपदाओं से निपटने की तैयारी को परखना है। इसमें आपदा प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों, रासायनिक आपदाओं का त्वरित आकलन, प्रभावितों का सुरक्षित बचाव और स्वास्थ्य सहायता प्रबंधन पर जोर दिया गया। विभिन्न आधुनिक उपकरण भी प्रदर्शित किए गए। 


प्रशिक्षण के शुभारंभ में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम (से.नि.) ने कहा कि प्रदेश में महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के दौरान सभी को जागरूक करना एवं जानकारी के लिए परमाणु और रासायनिक दुर्घटना से बचाव व सुरक्षा की जानकारी देना ज़रूरी है। उत्तर प्रदेश बड़ा व अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहाँ विभिन्न उत्सवों का आयोजन होता रहता है। इस दौरान न्यूक्लियर, रेडियोलॉजिकल और कैमिकल इमरजेंसी जैसे पदार्थो से होने वाले दुर्घटना एवं उससे बचाव के बारे में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से जानकारी मिलेगी। 


प्रशिक्षण कार्यक्रम में परमाणु ऊर्जा विभाग, भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, भारत सरकार के वैज्ञानिकों ने रासायनिक रिसाव का आकलन और प्रतिक्रिया रणनीति, डीकंटैमिनेशन प्रक्रियाएं प्रभावित व्यक्तियों और स्थानों को सुरक्षित निकालना, महाकुंभ मेले के लिए रेडियोलॉजिकल आपातकाल की तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए एसओपीपर व्याख्यान दिया। परमाणु ऊर्जा विभाग के टीम के द्वारा रासायनिक विकिरण का पता लगाने और माप करने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी कर सभी स्टेकहोल्डर को इसकी जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में टेबलटॉप एक्सरसाइज़ और रासायनिक दुर्घटना और परमाणु दुर्घटना की फील्ड एक्सरसाइज़ का आयोजन किया गया। 


 डॉ.अरुण कुमार नायक अध्यक्ष, सीएमजी, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार ने बताया कि विभाग सभी स्टेक होल्डरों को समय-समय पर तकनीकी सहायता, क्षमता संवर्धन जानकारी एवं जागरूकता देते रहते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नई दिल्ली, भारत सरकार ले. जनरल सय्यद अता हसनैन पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम और बार (से.नि.) ने अपने सम्बोधन में कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजनों के समय में किसी भी आपदा से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना आवश्यक है।


इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत सरकार से परमाणु ऊर्जा विभाग, भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर, मुंबई, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ,नई दिल्ली, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, नई दिल्ली, राज्य आपदा मोचन बल, लखनऊ, भारतीय सेना, मेला प्रशासन, पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी,अग्निशमन विभाग, जिला अस्पताल के चिकित्साधिकारी एवं मेला क्षेत्र में स्थापित सभी अस्पतालों के चिकित्साधिकारी तथा एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, मथुरा, मिर्जापुर, श्रावस्ती एवं गोरखपुर के अधिकारियों सहित कुल 400 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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