दिनांक : 19 जनवरी 2025
दिन : रविवार
विक्रम संवत् : 2081
अयन : उत्तरायण
ऋतु : शिशिर
मास : माघ
पक्ष : कृष्ण
तिथि : पञ्चमी प्रातः 07:30 बजे तक तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र : उत्तरा फाल्गुनी शाम 05:30 बजे तक तत्पश्चात हस्त
चन्द्र राशि : कन्या अहर्निश
योग : अतिगण्ड रात्रि 01:58 जनवरी 20 तक, तत्पश्चात सुकर्मा
राहु काल : शाम 04:44 बजे से शाम 06:06 बजे तक
सूर्योदय : प्रातः 07:09 बजे
सूर्यास्त संध्या- 06:06 बजे
दिशा शूल : पश्चिम दिशा में
ब्रह्ममुहूर्त : प्रातः 05:25 बजे से 06:17 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:16 बजे से दोपहर 12:59 बजे तक
निशिता मुहूर्त : रात्रि 12:11 बजे जनवरी 20 से रात्रि 01:04 बजे जनवरी 20 तक
व्रत पर्व विवरण
रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग ( शाम 05:30 से प्रातः 07:23 जनवरी 20 तक)
विशेष
षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन आँवला,मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
रविवार सूर्यदेव का दिन है,इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है।
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है।
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