आज का पंचांग (11 जनवरी)
दिनांक : 11 जनवरी, दिन : शनिवार
विक्रम संवत् : 2081
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शिशिर
मास : पौष
पक्ष : शुक्ल
तिथि : द्वादशी प्रातः 08:21 बजे तक, तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र : रोहिणी दोपहर 12:29 बजे तक तत्पश्चात मृगशिरा
योग : शुक्ल दोपहर 11:49 बजे तक, तत्पश्चात ब्रह्म
राहु काल : प्रातः 09:38 बजे से 10:57 बजे तक
सूर्योदय : प्रातः 06:58 बजे
सूर्यास्त : संध्या 05:32 बजे
दिशा शूल : पूर्व दिशा में
ब्रह्ममुहूर्त : प्रातः 05:10 बजे से 06:04 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11:53 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:47 बजे से रात्रि 12:41 बजे तक
व्रत पर्व विवरण
पौष पुत्रदा एकादशी पारण, शनि त्रयोदशी, रोहिणी व्रत, प्रदोष व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग
शनि प्रदोष व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 11 जनवरी शनिवार को शनि प्रदोष व्रत है।
इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए:-
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।
भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसमें से अपना व्रत भी तोड़ें। उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
ये उपाय करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।
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