दिनांक : 03 जनवरी 2025
दिन : शुक्रवार
विक्रम संवत् : 2081
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शिशिर
मास : पौष
पक्ष : शुक्ल
तिथि : चतुर्थी रात्रि 11:39 बजे तक, तत्पश्चात पञ्चमी
नक्षत्र : धनिष्ठा रात्रि 10:22 बजे तक तत्पश्चात शतभिषा
योग : वज्र दोपहर 12:38 बजे तक, तत्पश्चात सिद्धि
राहु काल : सुबह 11:24 बजे से दोपहर 12:44 बजे तक
सूर्योदय : प्रातः 06:57 बजे
सूर्यास्त : संध्या 05:29 बजे
दिशा शूल : पश्चिम दिशा में
ब्रह्ममुहूर्त : प्रातः 05:09 बजे से 06:03 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11:52 बजे से दोपहर 12:34 बजे तक
निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:46 बजे जनवरी 04 से रात्रि 12:40 बजे जनवरी 04 तक
व्रत पर्व विवरण
विनायक चतुर्थी
चतुर्थी तिथि विशेष
03 जनवरी 2025 शुक्रवार को विनायक चतुर्थी है।
चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं। हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
व्यतिपात योग
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका एक लाख गुना फल मिलता है।
वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होंने चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। इससे सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैंने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नहीं दिया। सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिए आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिए पर इसको इतना नहीं थोडा भूल रहा है। सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसू बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम की महिमा बताई है वाराह पुराण में।
विशेष : व्यतिपात योग - 04 जनवरी 2025 शनिवार को सुबह 10:08 बजे से 05 जनवरी, रविवार को सुबह 07:32 बजे व्यतिपात योग है।
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