Ayodhya Shri Ram janmabhoomi Mandir : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रतिष्ठा द्वादशी में राम लला को रिझाएंगे कई बड़े नाम

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-मंदिर के प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में उषा मंगेशकर, अनुराधा पौडवाल, शोभना,मालिनी अवस्थी, कुमार विश्वास देंगे आकर्षक प्रस्तुतियां 

 

-श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी होंगे शामिल 


प्रेसवार्ता में जानकारी देते चंपत राय।

प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, अयोध्या


श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने रविवार को'प्रतिष्ठा द्वादशी' के त्रिदिवसीय आयोजन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रस्तुति देने वालों के कार्यक्रम व उसके समय को सिलसिलेवार तरीके से बताया। न्यास महामंत्री आयोजन स्थल अंगद टीला पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। यह वही स्थान है जहां कोई भी पहुंच सकता है। उषा मंगेशकर, कुमार विश्वास, मालिनी अवस्थी अनुराधा पौडवाल कथक नृत्यांगना शोभना नारायण आदि श्रीराम लला को रिझाने के लिए अपना कौशल दिखाएंगे। कथा व्यास रमेश भाई ओझा भी होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहले दिन पहुंचेंगे।


तीनों दिन प्रस्तुत होने वाली राग सेवा के समन्वयक अयोध्या के ही प्रख्यात कलाविद् यतीन्द्र मिश्र हैं। उन्हें संगीत नाटक अकादमी दिल्ली का भी सहयोग हासिल है।तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय बताते हैं कि राग सेवा का कार्यक्रम गर्भगृह के निकट मंडप में होगा। वे कहते हैं कि भारतीय उपासना पद्धति में नवधा भक्ति परम्परा में नृत्य संगीत,वादन द्वारा श्री राम राग सेवा अर्पित की जाती है । इसी क्रम में पहले दिन 11 जनवरी को उषा मंगेशकर और मयूरेश पई भजन से राग सेवा का शुभारंभ करेंगे। इसके उपरांत साहित्य नाहर सितार तथा संतोष नाहर वायलिन की जुगलबंदी के साथ अपना भक्ति कार्यक्रम देंगे। 


पहले दिन की राग सेवा का समापन डॉ आनन्दा शंकर जयंत की ओर से भरत नाट्यम नृत्य पर भावयामि रघुरामम्' के साथ होगा। 


दूसरे दिन प्रसिद्ध लोकगायिका शैलेश श्रीवास्तव के बधावा और सोहर से शुरुआत होगी। इसके बाद प्रख्यात शास्त्रीय गायिका सुश्री कलापिनी कोमलकी निर्गुण गायन और भजन से राग सेवा करेंगी। दूसरे दिन समापन विश्वविख्यात बांसुरी वादक राकेश चौरसिया के वादन से होगा। 


अंतिम दिन तेरह जनवरी को शुभारंभ आरती अंकलिकर के शास्त्रीय गायन से होगा। इसके बाद प्रख्यात कथक नृत्यांगना शोभना नारायण की प्रस्तुति है। समापन दक्षिण के स्वनाम धन्य गायक कृष्ण मोहन एवं राम मोहन 'त्रिचूर ब्रदर्स' के कर्नाटक पद्धति के शास्त्रीय गायन व राम भजन से होगा।


अंगद टीला पर पहले दिन दो से साढ़े तीन बजे तक जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी वासुदेवाचार्य की रामकथा होगी इसके बाद पांच बजे तक मुख्यमंत्री रहेंगे। साढ़े पांच से साढ़े आठ तक रामलीला का मंचन व स्वाति मिश्रा का गायन।


 12 जनवरी को दो से साढ़े तीन तक जगद्गुरु की रामकथा। साढ़े तीन से रमेश भाई ओझा का प्रवचन सत्र, साढ़े पांच बजे से सांस्कृतिक संध्या में अनुराधा पौडवाल और कविता पौडवाल का गायन। अंतिम दिन दो से साढ़े तीन तक कथा। फिर जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी ज्ञानानन्द तीर्थ महाराज की उपस्थिति में प्रवचन सत्र। साढ़े पांच बजे से सांस्कृतिक संध्या में मालिनी अवस्थी और कुमार विश्वास होंगे। 


महामंत्री चम्पत राय के अनुसार सभी भक्तिभाव से कार्यक्रम में आ रहे हैं और पारिश्रमिक लेने के लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने यह भी बताया कि जगद्गुरु माध्वाचार्य, पेजावर पीठाधीश्वर प्रसन्न तीर्थ जी तीनों दिन कार्यक्रम में रहेंगे। यह भी बताया इस लखनऊ की सपना गोयल की ढाई सौ महिलाओं की टोली ग्यारह से दो बजे तक सुन्दरकाण्ड का पाठ करेगी। इसके अलावा नवयुवकों की एक टोली धाम के सभी प्रमुख स्थानों पर बड़े वाद्य यंत्रों के साथ कीर्तन करेगी। मंत्रों का जप और हवन तीनों दिन होंगे। इस धाम में अनेक जातियों, उपजातियों के मन्दिर हैं। सभी को आमंत्रण भेजा गया है। 


पत्रकार वार्ता में ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र, गोपाल जी, यतीन्द्र मिश्र भी मौजूद थे। आयोजकों ने दर्शन को आए लोगों और जो भी सम्मिलित हो सकें सभी को अंगद टीले पर होने वाले कार्यक्रमों में आमंत्रित किया है।




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