श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में श्रीराम लला की भव्य प्रतिमा। |
प्रारब्ध धर्म अध्यात्म डेस्क
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा को 11 जनवरी 2025 को एक वर्ष पूरा हो जाएगा। वर्ष 22 जनवरी 2024 पौष शुक्ल द्वादशी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ था। उसके एक वर्ष पूरा होने में चंद दिन शेष हो हैं। हमारे समाज के करोड़ों भक्तों व श्रध्दालुओं एकजुटता का परिणाम ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर है।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य निर्माण के लिए न्यायालयों में कानूनी लड़ाई से लेकर सडकों पर जनआंदोलन भी हुए। वर्ष 1989 में देशभर में शिलापूजन कार्यकम किए गए । इसका कुछ भी हुआ, कई रामभक्त अपने आराध्य और श्रध्दा स्थान पाने के लिए अदालत में भी गए। उच्चतम न्यायालय ने श्री तारकुंडे द्वारा शिलापूजन यात्रा पर रोक लगाने संबंधी दायर याचिका को ठुकरा दिया और सारी शिलाओं को अयोध्या तक आने दिया गया। सितम्बर 1990 में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में गुजरात के सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक राम रथयात्रा निकाली गई और इसके जरिये भी देश में समूचा माहौल राममय हो गया था।
वहीं, नई दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय में 40 दिन तक लगभग 170 घंटे तक नियमित सुनवाई की गई। उसके बाद 9 नवम्बर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने श्रीराम जन्मभूमि अर्थात रामलला के पक्ष में फैसला दिया।
अंततः सड़क से लेकर अदालतों में संघर्षों के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर गर्भगृह में प्रभु श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 और हिन्दू पंचाग तिथि के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी को संपन्न हुई थी। अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने प्रति वर्ष इस दिन को .. प्रतिष्ठा द्वादशी .. के रुप में मनाने का फैसला किया है। इस वर्ष नये वर्ष में यह दिन 11 जनवरी 2025 को आया है और इसलिए हिन्दी पंचांग तिथि के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी को अयोध्या में ट्रस्ट की ओर से विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, वेद पठन, मंत्रोच्चार, रामरक्षा स्त्रोत विष्णुसहस्त्रनाम पठन आदि कार्यक्रम , के अतिरिक्त सुप्रसिद्ध संगीत गीतकारों के कार्यक्रम कों भी प्रस्तुति होगी।
जन्मभूमि ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के अनुसार मंदिर परिसर में 18 मंदिरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इनमें परकोटा और उसके परिसर के भीतर दशावतार, शेषावतार, निषादराज, शबरी, अहिल्या, संत तुलसीदास, शिव, सूर्य, मां दुर्गा, अन्नपुर्णा, गणेश, हनुमान आदि के मंदिरों के काम तेजी से चल रहे हैं। उन्होने कहा कि निर्माण कार्य संभवतः जून 2025 तक पूरा हो सकता है। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अपोलो अस्पताल की ओर से मंदिर परिसर स्थित श्रद्धालु सुविधा केन्द्र भवन में अंडरग्राउंड हिस्से में 24 घंटे चलनेवाला निःशुल्क आपातकालीन मेडिकल केयर सेंटर भी शुरु कर दिया गया है।
प्राण प्रतिष्ठा का समारोह अयोध्या में हो रहा था, उस दिन देशभर के करीब 5 लाख 59 हजार 231 स्थानों पर 9 लाख 85 हजार 625 कार्यक्रम संपन्न हुए। उसमें 27 करोड़ 81 लाख 54 हजार 665 लोग प्रत्यक्ष रुप से सहभागी हुए थे। इस तरह के संपर्क अभियानों से ज्ञात होता है कि समाज के पुनर्जागरण के कार्यक्रमों में शामिल होने के इच्छुक हैं। यही भाव अयोध्या में मंदिर पुर्ननिर्माण कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला। हर घर में अपनी क्षमता के अनुसार बाहर से आये अतिथि मेहमान के आवभगत व स्वागत की तैयारी में स्थानीय लोगों ने कोई कमी नहीं छोड़ी बल्कि हर बाहर से आनेवाले लोगों के चाय जलपान तथा भोजन भंडारे की व्यवस्था की थी। यह दृश्य अयोध्या नगरी में देखने को मिला है। अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से यहां छोटे व्यापारियों का कारोबार अच्छा खासा बढ़ रहा है। दुकानदारों की कमाई में वृद्धि होती दिखाई दे रही है। मंदिरों के आसपास फूलमाला, प्रसाद के साथ श्रीराम की मूर्तियों को तीर्थयात्री अपने साथ घर ले जाते हैं।
दुकानदारों ने बताया कि पूर्व में मंदिर के मॉडल काफी बेचें गए हैं। अब प्राण प्रतिष्ठा के बाद से तीर्थयात्री अपने घर में पूजा के लिए श्रीराम की मूर्ति खरीदते हैं। यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की प्रतिदिन लाखों में संख्या है। स्वाभाविक तौर पर वे जब यहां बाजारों में खरीदारी करने जाते हैं तो वस्तु कर अर्थात जीएसटी भी उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी मात्रा में मिलती है। धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अनुमान के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर में आनेवाली तीर्थयात्रियों की संख्या आगरा में ताजमहल को देखने आने वाले पर्यटकों की अपेक्षा कई गुना ज्यादा है।
अयोध्या आने के लिए रेलगाडियों की संख्या में वृद्धि हुई है। सभी बड़ी सुपर फास्ट ट्रेनों का आवागमन होता है। अयोध्या का नया रेलवे स्टेशन देखने से लगता है कि मानों आप किसी हवाई अड्डे पर आए हों। सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त यह स्टेशन बनाया गया है। साथ ही श्रीराम मंदिर से कुछ ही दूरी पर एक नया हवाई अड्डा बनाया गया है, जिसे महर्षि वाल्मिकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के नाम से जाना जाता है। अब इसे देश के प्रमुख बड़े महानगरों से हवाई मार्गों से जोड़ा गया है। हवाई यात्रियों की संख्या में भी एक वर्ष में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
अयोध्या में आने वाले पर्यटकों की संख्या में होती वृद्धि को ध्यान में रखते हुए होटल उद्योग भी बढ़ता हुआ दिखायी दे रहा है। यहां पांच सितारा (Five Star), तीन सितारा (Three Star) के साथ और छोटे टूरिस्ट सेंटर्स भी खुल गये, और नये खुलते जा रहे हैं । इसमें राज्य सरकार को जीएसटी के जरिये आमदनी में भारी वृध्दि की प्रबल संभावना है। नए वर्ष 2025 वर्ष में प्रयागराज में महाकुंभ होने के कारण वहां आने वाले तीर्थयात्री स्वाभाविक है, अयोध्या में प्रभ श्रीराम के दर्शन करने यहां आएंगे। उनके अंदर नए पुर्ननिर्मित मंदिर को देखने और दर्शन को लेकर कोतूहल व जिज्ञासा अवश्य होगी। इससे अयोध्या में आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृध्दि भी होगी।
मंदिर निर्माण शुरु होने से पहले और अब तब मंदिर बनने के बाद से सभी वर्गों में जो जनजागरण होता दिखाई दे रहा है वह निश्चित रुप से देश में सांस्कृतिक राष्ट्रीयता का प्रत्यक्ष प्रमाण दिखाई दे रहा है। देश में जब कभी हमले होंगे तो हमारे करोड़ों भारतवासी अपनी एकजुटता का परिचय देकर उन्हें संकट से उबारेंगे। बंगलादेश में धार्मिक स्थलों पर हमले से देश में रोष प्रकट किया जा रहा है।
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