मंगलवार शाम सात बजे मच्छर मारने की अगरबत्ती खरीदने निकली थी आठ साल की मासूम
पुलिस पर लापरवाही का आरोप, चौकी प्रभारी निलंबित, देर रात मुठभेड़ में आरोपी गिरफ्तार
मुठभेड़ के बाद घायल आरोपी को लेकर जाती पुलिस। |
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, वाराणसी
मच्छर मारने वाली अगरबत्ती खरीदने मंगलवार शाम सात बजे घर से निकली आठ वर्षीय बच्ची का बोरे में भरा अर्धनग्न शव बुधवार को वाराणसी के रामनगर की सीमा पर स्थित चंदौली के सूजाबाद बालिका कंपोजिट विद्यालय परिसर स्थित कूड़ा घर में मिला था। शरीर पर चोट और खून के निशान होने पर दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने की आशंका जताई जा रही थी। जांच के दौरान सीसीटीवी (क्लोज सर्किट टीवी) कैमरे के फुटेज में पड़ोसी इरशाद बोरे में शव लेकर जाते हुए दिखाई दिया था। पीड़ित परिवार ने भी उस पर शक जाहिर किया था।
स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) और रामनगर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए देर रात ढाई बजे डोमरी में आरोपी पड़ोसी युवक इरशाद उर्फ बांगड़ को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम से हुई मुठभेड़ के दौरान इरशाद के पैर में गोली लग गई। आरोप ने पूछताछ में स्वीकार किया कि दुष्कर्म में विफल होने पर उसने बच्ची की पत्थर से सिर कूंचकर हत्या कर दी। मुठभेड़ में एसओजी प्रभारी मनीष मिश्रा और रामनगर इंस्पेक्टर राजू सिंह शामिल रहे।
आएं जानें घटनाक्रम के बारे में
बुधवार सुबह 10 बजे बच्चे पतंग लूटने पहुंचे तो कूड़ा घर में हाथ-पैर तोड़ मरोड़कर प्लास्टिक की बोरी में रखी बच्ची की लाश देखी। घटनास्थल चंदौली है, जबकि बच्ची रामनगर की रहने वाली थी। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के आदेश पर रामनगर पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है। दुकानदार समेत तीन लोगों से पूछताछ शुरू की। फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर जाकर साक्ष्य जुटाए।
गांव वालों की नाराज़गी का करना पड़ा सामना
पुलिस को परिवार और गांव वालों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। काफी समझाने के बाद ही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। गांव में पीएसी और पुलिस तैनात है। चौकी प्रभारी सूजाबाद उमेश राय को निलंबित कर दिया गया।
रामनगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी बच्ची घर से 100 मीटर दूर दुकान से मच्छर मारने वाली अगरबत्ती खरीदने निकली थी, लेकिन देर तक नहीं लौटी। पिता खोजने निकले तो पता चला बेटी तो काफी देर पहले ही दुकान से चली गई थी। परेशान पिता ने कुछ देर तो गांव में ही तलाश की और इसके बाद सूजाबाद पुलिस चौकी पहुंचे। पुलिस ने बच्ची की फोटो आदि लेने के बाद ब्योरा दर्ज कर उसे खोजने का भरोसा देकर लौटा दिया।
पिता ने डायल 112 पर भी बेटी के गायब होने की सूचना दी। पुलिस की गाड़ी पहुंची, लेकिन गली में नहीं घूस पाने के कारण पिता को बाहर बुलाया। पिता नहीं पहुंचे तो पुलिसकर्मी लौट गए। डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल ने हालांकि दुष्कर्म की आशंका खारिज की है। उन्होंने कहना है कि बच्ची ने संभवत: परिचितों को ऐसी परिस्थिति में देखा होगा, जिसे छिपाने के लिए उसकी हत्या कर दी गई। वह कक्षा एक में पढ़ती थी और 12 दिसंबर को दादा की मौत के बाद से स्कूल नहीं गई थी। सीसीटीवी कैमरों में वह घर से 50 मीटर दूर तक ही आते-जाते दिखाई दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह पता चलेगी।
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