प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बिजली विभाग की एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) में लापरवाही बरतने पर 48 इंजीनियरों (अभियंताओं) के खिलाफ कार्रवाई की है। ओटीएस का लक्ष्य पूरा नहीं करने वाले अभियंताओं का निलंबन करना शुरू कर दिया है। तीन दिनों में 48 अभियंता निलंबित किए गए हैं।वहीं, 24 से अधिक अभियंताओं को चार्जशीट दी गई है।
तीन दिन पहले ओटीएस की समीक्षा करते हुए पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन डाॅ. आशीष कुमार गोयल ने सभी निगमों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिया था कि खराब प्रदर्शन वाले क्षेत्र के अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए। चेयरमैन के आदेश को आधार बनाते हुए सभी निगमों के प्रबंध निदेशकों ने कार्रवाई शुरू कर दी।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का दावा है कि शनिवार शाम तक ओटीएस की आड़ में एक अधीक्षण अभियंता, 12 अधिशासी अभियंता, पांच सहायक अभियंता और 30 अवर अभियंता को निलंबित किया गया है। इस दौरान संविदा पर कार्यरत 129 लाइनमैन और 85 मीटर रीडरों को हटा दिया गया है। लगभग 24 से अधिक अभियंता और अवर अभियंता को चार्जशीट दी गई है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कार्पोरेशन और निगमों के प्रबंधन पर कार्मिकों के साथ टकराव का माहौल बनाने, जानबूझकर महाकुंभ से पहले बिजली व्यवस्था बेपटरी करने का आरोप लगाया है। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन हो रहा है। एकमुश्त समाधान योजना का क्रियान्वयन भी चल रहा है। इसके बाद भी कार्पोरेशन ने हर डिस्काम से अभियंताओं को निलंबित करना शुरू कर दिया है। यह ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति पैदा करने की साजिश है।
अभियंताओं ने कहा कि रविवार को झांसी में होने वाले बिजली पंचायत में भी इस मुद्दे पर मंथन किया जाएगा। उनका कहना है कि कार्पोरेशन के मंसूबे को किसी भी सूरत में पूरा नहीं होने दिया जाएगा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी राजीव सिंह,जितेन्द्र सिंह गुर्जर,गिरीश पांडेय,महेन्द्र राय,सुहैल आबिद,पीके दीक्षित,राजेंद्र घिल्डियाल,चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला,छोटेलाल दीक्षित,देवेन्द्र पाण्डेय,आरबी सिंह, राम कृपाल यादव,मोहम्मद वसीम आदि ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया कि बड़े पैमाने पर बिजली कर्मचारियों,जूनियर इंजीनियरों और अन्य अभियंताओं पर उत्पीड़न की कार्यवाही प्रबंधन की बौखलाहट का नतीजा है। बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश में सर्वाधिक बिजली की आपूर्ति 30618 मेगावॉट का कीर्तिमान बनाकर प्रदेश का नाम पूरे देश में रोशन किया।
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