Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (09 दिसंबर 2024)

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दिनांक  09 दिसंबर 2024, दिन सोमवार  


दिनांक :  09 दिसम्बर 2024


दिन : सोमवार


विक्रम संवत् - 2081


अयन - दक्षिणायन


ऋतु - हेमन्त


मास : मार्गशीर्ष


पक्ष : शुक्ल


तिथि : अष्टमी प्रातः 08:02 तक, तत्पश्चात नवमी प्रातः 06:01 दिसम्बर 10 तक, तत्पश्चात दशमी


नक्षत्र :  पूर्व भाद्रपद दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद


योग :  सिद्धि रात्रि 01:06 दिसम्बर 10 तक तत्पश्चात व्यतीपात


राहु काल :  प्रातः 08:30 बजे से प्रातः 09:51 बजे तक


सूर्योदय : प्रातः 06:45 बजे 


सूर्यास्त : संध्या 05:17 बजे 


दिशा शूल - पूर्व  दिशा में


ब्रह्म मुहूर्त : प्रातः 04:57 बजे से प्रातः 05:51 बजे तक


अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11:40 बजे से दोपहर 12:22 बजे तक


निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:34 बजे से रात्रि 12:28 बजे तक।


पंचक प्रारंभ 


07 दिसंबर 2024 शनिवार प्रातः 5.07 बजे से।


पंचक समाप्त 


11 दिसंबर 2024, बुधवार दोपहर 11.48 बजे तक।


व्रत एवं त्योहार 


विशेष  : 10 दिसम्बर, मंगलवार को मार्गशीर्ष मास, शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है।


तुलसी को जल अर्पण से पुण्य


घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए। उसकी हवा से बहुत लाभ होते हैं। तुलसी को एक लोटा जल अर्पण करने से सवा मासा सुवर्ण दान का फल मिलता है।


दीर्घायु और आरोग्य वृद्धि के लिए 


 विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी .....जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता। ) भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन करें और घी की आहुति दें। एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना। घी से आहुति डालें, जिससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है। विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया गया है कि आहुति डालते समय ये मंत्र बोले–


ॐ यमाय नम:

ॐ धर्मराजाय नम:

ॐ मृत्यवे नम:

ॐ अन्तकाय नम: 

ॐ कालाय नम: 


विशेष : ध्यान रखें जिसके घर में तकलीफ है वो जरुर आहुति डालें। आहुति डालते समय स्वाहा बोलें और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोलें।


 ये पांच मंत्र बोलें, ज्यादा देर तक आहुति डालें तो अच्छा है।

अकाल मृत्यु घर में न हो, जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु न हो उसके लिए घर में अमावस्या के दिन गीता का सातवां अध्याय पढ़ना चाहिए। पाठ पूरा हो जाय तो सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए। कहें कि हमारे घर में सबकी लंबी आयु हो और जो पहले गुजर गए हैं हे भगवान उनकी आत्मा को शांति दें और आज के गीता पाठ का पुण्य ये उनको भी पहुँचे। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय करके वो जल चढ़ा दें। हो सके तो ....भगवान ने पैसा दिया हो तो उस अमावस्या को चार पांच गरीब बच्चों-बच्चियों को खाना देकर आएं, उसमें सब्जी-रोटी, मीठा हलवा दें।

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