Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (08 दिसंबर 2024)

0


दिनांक :  08 दिसम्बर 2024

दिन - रविवार

विक्रम संवत् - 2081

अयन - दक्षिणायन

ऋतु - हेमन्त

मास - मार्गशीर्ष

पक्ष - शुक्ल

तिथि - सप्तमी प्रातः 09:44 तक तत्पश्चात अष्टमी

नक्षत्र - शतभिषा शाम 04:03 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद

योग - वज्र प्रातः 03:54 दिसम्बर 09 तक तत्पश्चात सिद्धि

राहु काल - शाम 04:34 से शाम 05:55 तक

सूर्योदय - 06:45

सूर्यास्त - 05:17

दिशा शूल - पश्चिम दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से प्रातः 05:51 तक

अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11:40 से दोपहर 12:22 तक

निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:34 दिसम्बर 09 से रात्रि 12:28 दिसम्बर 09 तक

पंचक आरम्भ

दिसम्बर 7, 2024, शनिवार को प्रातः 05:07 बजे

पंचक अंत

दिसम्बर 11, 2024, बुधवार को दिन मे 11:48 बजे


व्रत पर्व विवरण - भानु सप्तमी (सूर्योदय से प्रातः 09:44 तक), मासिक दुर्गाष्टम


कलह-क्लेश, रोग व दुर्बलता मिटाने का उपाय 

जिसको घर में कलह-क्लेश मिटाना हो, रोग या शारीरिक दुर्बलता मिटाना हो वह हनुमान चालीसा की इस चौपाई की पुनरावृत्ति किया करें।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौ पवन-कुमार।

बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।


काम धंधे में सफलता न मिलती हो तो 

काम धंधे में सफलता न मिलती हो तो 21 बार ये गीता का आखरी श्लोक बोलें ...

  यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः

तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।।78।।

अगर 21 बार न बोल सकें तो कम से कम एक बार तो बोलें और शांत हो जाएं।

 
वास्तु शास्त्र से जुड़ी सलाह 

घर में सुख और समृद्धि बनी रहे, इसके लिए पुराने समय से ही कई परंपराएं प्रचलित हैं। ये परंपराएं अलग-अलग वस्तुओं और कार्यों से जुड़ी हैं। सभी के घरों में कुछ न कुछ वस्तुएं टूटी-फूटी होती हैं, बेकार होती हैं, फिर भी किसी कोने में पड़ी रहती हैं। सात वस्तुएं ऐसी बताई गईं हैं जो टूटी-फूटी अवस्था में घर में नहीं रखनी चाहिए।

यदि ये चीजें घर में होती हैं तो इनका नकारात्मक असर परिवार के सभी सदस्यों पर होता है। मानसिक तनाव बढ़ता है और कार्यों में गति नहीं बन पाती है। इसी वजह से धन संबंधी कार्यों में भी असफलता के योग बनते हैं। घर में दरिद्रता का आगमन हो सकता है। वास्तु अनुसार घर में ये सात टूटी-फूटी चीजों से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यहां जानिए ये सात चीजें कौन-कौन सी हैं...



1. बर्तन

कई लोग घर में टूटे-फूटे बर्तन भी रखे रहते हैं जो कि अशुभ प्रभाव देते हैं। शास्त्रों के अनुसार घर में टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखना चाहिए। यदि ऐसे बर्तन घर में रखे जाते हैं तो इससे महालक्ष्मी असप्रसन्न होती हैं और दरिद्रता का प्रवेश हमारे घर में हो सकता है। टूटे-फूटे और बेकार बर्तन घर में जगह भी घेरते हैं, इससे वास्तु दोष भी उत्पन्न होता है। वास्तु दोष उत्पन्न होने पर नकारात्मक फल मिलने लगते हैं।

2. दर्पण

टूटा हुआ दर्पण रखना वास्तु के अनुसार एक बड़ा दोष है। इस दोष के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है और परिवार के सदस्यों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।


3. पलंग

वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी का पलंग टूटा हुआ बिल्कुल न हो। यदि पलंग ठीक नहीं होगा तो पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।


4. घड़ी

खराब घड़ी घर में नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घड़ियों की स्थिति से हमारे घर-परिवार की उन्नति निर्धारित होती है। यदि घड़ी सही नहीं होगी परिवार के सदस्य कार्य पूर्ण करने में बाधाओं का सामना करेंगे और काम निश्चित समय में पूर्ण नहीं हो पाएगा।


5. तस्वीर

यदि घर में कोई टूटी हुई तस्वीर हो तो उसे भी घर से हटा देना चाहिए। वास्तु के अनुसार यह भी वास्तु दोष उत्पन्न करती है।


6. दरवाजा 

यदि घर का मुख्य दरवाजा या अन्य कोई दरवाजा कहीं से टूट रहा हो तो उसे तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए। दरवाजे में टूट-फूट अशुभ मानी गई है। इनसे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और वास्तु दोष उत्पन्न होता है।


7. फर्नीचर

घर का फर्नीचर भी एकदम सही हालत में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार फर्नीचर की टूट-फूट का भी बुरा असर हमारे जीवन पर होता है।

 वास्तु दोष उत्पन्न होने पर घर-परिवार के सदस्यों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिस घर में वास्तु दोष होते हैं, वहां पैसों की कमी बनी रहती है। अत: इन दोषों का निवारण तुरंत ही कर लेना चाहिए।


घातक रोगों से मुक्ति पाने का उपाय 


08 दिसम्बर 2024 रविवार को (सूर्योदय से सुबह 09:44 तक) रविवारी सप्तमी है।

रविवार सप्तमी के दिन बिना नमक का भोजन करें। सूर्य भगवान का पूजन करें, अर्घ्य दें व भोग दिखाएँ, दान करें । तिल के तेल का दिया सूर्य भगवान को दिखाएँ ये मंत्र बोलें :-

 "जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।"

 नोट : घर में कोई बीमार रहता हो या घातक बीमारी हो तो परिवार का सदस्य ये विधि करें तो बीमारी दूर होगी । रविवार सप्तमी 

रविवार सप्तमी के दिन जप/ध्यान करने का वैसा ही हजारों गुना फल होता है जैसा की सूर्य/चन्द्र ग्रहण में जप/ध्यान करने से होता |

रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे , तो उसकी घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं , अगर बीमार व्यक्ति न कर सकता हो तो कोई और बीमार व्यक्ति के लिए यह व्रत करे | इस दिन सूर्यदेव का पूजन करना चाहिये |

सूर्य भगवान पूजन विधि

 १) सूर्य भगवान को तिल के तेल का दिया जला कर दिखाएँ , आरती करें |

 २) जल में थोड़े चावल , शक्कर , गुड , लाल फूल या लाल कुम कुम मिला कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें |

 सूर्य भगवान अर्घ्य मंत्र 

 1. ॐ मित्राय नमः।

 2. ॐ रवये नमः।

 3. ॐ सूर्याय नमः।

 4. ॐ भानवे नमः।

 5. ॐ खगाय नमः।

 6. ॐ पूष्णे नमः।

 7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।

 8. ॐ मरीचये नमः।

 9. ॐ आदित्याय नमः।

 10. ॐ सवित्रे नमः।

 11. ॐ अर्काय नमः।

 12. ॐ भास्कराय नमः।

 13. ॐश्रीसवितृ- सूर्यनारायणाय नमः।


रविवार विशेष


रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)


रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)


रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)


रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।


रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।


स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।


रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्ष करना निषेध है ।


रविवार के दिन तुलसी पत्त्ता तोड़ना वर्जित है ।


कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो 

कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो प्रतिदिन प्रात:काल पीपल के नीचे वृक्ष के दक्षिण की ओर अरंडी के तेल का दीपक जलायें तथा थोड़ी देर गुरुमंत्र या भगवन्नाम जपें और उस व्यक्ति को भगवान सद्बुद्धि दें तथा मेरा, उसका-सबका मंगल हो ऐसी प्रार्थना करें । कुछ दिनों तक ऐसा करने से शत्रु शनै: शनै : दब जाते हैं व शत्रु पीड़ा धीरे-धीरे दूर हो जाती है ।

Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top