प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, शिमला
हिमाचल प्रदेश में बनीं 27 दवाइयां के नमूने जांच में फेल हो गए हैं। ये दवाइयां केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण (Central Drugs Standard Control Organisation) के मानकों पर खरी नहीं उतरीं।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण ने दवाइयों के नमूने फेल होने को गंभीरता से लिया गया है। इसको लेकर ड्रग अलर्ट भी जारी किया है। नोटिस का जवाब मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में बनने वाली दवाइयों की देशभर में आपूर्ति होती है। दवाइयों के नमूने (Sample) फेल होने के बाद ड्रग कंट्रोलर ने फार्मा कंपनियों से दवाओं का स्टाॅक वापस मंगाने का निर्देश दिया है। ताकि ये दवाएं लोगों तक नहीं पहुंच सकें।
बता दें कि देश में पिछले महीने से अब तक 111 दवाओं के नमूने फेल हुए हैं, जिसमें से 27 दवाएं हिमाचल प्रदेश के सोलन और बद्दी क्षेत्र में निर्मित हैं।
स्टेट ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जिन कंपनियों की दवाओं के नमूने फेल हो गए हैं। उन पर नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इन सभी दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया गया है।
सीडीएससीओ के अनुसार अधिकतर दवाएं हार्ट, बीपी, किडनी और एलर्जी जैसी बीमारियों से जुड़ी हैं। इनमें ज्यादातर दवाएं बददी बरोटीवाला और नालागढ़ क्षेत्र में बनी हैं। सोलन और काला अंब के उद्योगों की दवाएं भी फेल हुईं हैं। केंद्रीय लैब में हिमाचल प्रदेश की 16 और स्टेट लैब में 11 दवाओं के नमूने फेल पाए गए हैं। बीबीएन की मार्टिन एंड ब्राउन कंपनी की तीन दवाओं के नमूने फेल हुए हैं। इस कंपनी के तीन दवाओं के नमूने भी फेल हो चुके हैं। ऐसे में अब विभाग की कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
इन दवाओं के सैंपल हुए फेल
पियोग्लिटाजोन हाइड्रोक्लोराइड मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड, पैंटोप्राजोल आईपी 40 मिलीग्राम, पेरासिटामोल टेबलेट, हेपरिन सोडियम इंजेक्शन आईपी 25000 आईयू, मिथाइल कोबालामिन इंजेक्शन, पैंटोप्राजोल टेबलेट, रबेप्रोक्सोल ई टेबलेट, इट्राकोनाजोल कैप्सूल बीपी 200 मिलीग्राम, इट्राकोनाजोल कैप्सूल 200 एमजी, इट्राकोनाजोल कैप्सूल 200 मिलीग्राम, रैबेप्राजोल टेबलेट, इसोमेप्राजोल हाइड्रेट, प्रोमेथाजीन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन आईपी 2 मिली है।
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