प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, महाकुंभ नगर (प्रयागराज)
ध्वजपताका, पुष्पवर्षा व जयकारों के बीच संन्यासियों के सबसे बड़ा अखाड़ा श्रीपंच दशनाम जूना का छावनी प्रवेश (पेशवाई) आरंभ हो गया है। अखाड़े की ध्वज-पताका लेकर सैकड़ों की संख्या में संत हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। आकर्षण का केंद्र त्रिशूल, भाला व तलवार के साथ करतब दिखाते चल रहे नागा संत हैं। उन्हें देखने के लिए सड़क के किनारे हजारों लोगों की भीड़ जुटी है।
ध्वज पताका के साथ जाते साधू संत। |
त्रिवेणी रोड, काली मार्ग होते हुए यात्रा महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-20 स्थित अखाड़ा नगर पहुंचेगी। वहां जूना अखाड़ा के शिविर में आराध्य भगवान दत्तात्रेय की पालकी को धर्मध्वजा के पास स्थापित करके पूजन होगा। इसके बाद संत शिविर में प्रवास करने लगेंगे। सर्वप्रथम कीडगंज में यमुना बैंक रोड स्थित मौज गिरि आश्रम में अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने विधि-विधान से आराध्य का पूजन किया। छावनी प्रवेश आरंभ हुआ।
पुलिस सुरक्षा में प्रवेश करते महात्मा। |
चार संत आराध्य भगवान दत्तात्रेय की पालकी को कंधे पर लेकर आगे बढ़े। उनके पीछे सैकड़ों संतों का लंबा कारवां चल रहा है। इसमें सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, महंत हरि गिरि, महंत नारायण गिरि, स्वामी विद्यानंद सरस्वती आदि शामिल हैं।
करतब दिखाते नागा साधु। |
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