शाही पुल की दीवार पर पूजन करतीं महिलाएं। |
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, जौनपुर
मुगलकालीन शाही पुल के ताखे की दीवार के पीछे महाकाली की मूर्ति होने का विवाद सोमवार को फिर खड़ा हो गया। उस स्थल पर जुटे मंदिर के पुजारी स्वामी अंबुजानंद व उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी करते हुए अल्टीमेटम दिया कि यदि दो दिन में प्रशासन दीवार नहीं तोड़ेगा तो हिंदू वर्ग के लोग खुद तोड़ देंगे। यदि उस स्थान पर महाकाली की मूर्ति होगी तो नियमित पूजन-अर्चन करेंगे।
जौनपुर में शाही पुल के पास पूजन और प्रदर्शन करते लोग। |
स्वामी अंबुजानंद ने दावा किया कि शाही पुल के गुंबद के नीचे जिस ताखे को दीवार से ढंक दिया गया है उसके पीछे महाकाली की मूर्ति है। पुल निर्माण से चार सदी पूर्व 12 वीं शताब्दी में मंदिर था। श्रद्धालु नियमित पूजन-अर्चन करते थे। कुछ वर्षों पूर्व प्रशासन ने इसे दीवार से ढंकवा दिया था।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन दीवार तोड़वाए। तभी स्पष्ट होगा कि उसके पीछे मूर्ति है या नहीं। अगर मूर्ति नहीं होगी तो तुरंत पुन: दीवार का निर्माण कराकर बंद कर देगा। यदि दो दिन में प्रशासन ने ऐसा नहीं किया तो हिंदू वर्ग के लोगों को लामबंद कर मैं खुद दीवार ढहा दूंगा। यदि मूर्ति हुई तो नियमित पूजन-अर्चन की जिला प्रशासन को अनुमति देनी होगी। इसके लिए मैं जेल भी जाने को तैयार हूं।
if you have any doubt,pl let me know