मदरसा प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक और सह प्रबंधक को पुलिस ने किया गिरफ्तार
सौजन्य इंटरनेट। |
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, इंदौर
डिजिटल अरेस्ट कर ठगी मामले में चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने उत्तर प्रदेश के कन्नौज से मदरसा प्रबंधन समिति के दो पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने साइबर अपराधियों से मिलकर मदरसा के बैंक खातों में ठगी के रुपये जमा करवाया करते थे। इनके तार जम्मू-कश्मीर और विदेश में बैठे साइबर अपराधियों से जुड़े होने की भी आशंका जताई जा रही है।
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया ने बताया कि 11 सितंबर को इंदौर में बुजुर्ग महिला छाया साइबर अपराध का शिकार हुई थीं। आरोपियों ने उन्हें दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके उनके दो बैंक खातों से 46 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए थे। इस मामले में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कन्नौज के सतौरा गांव से वहां 'फलाह दारेन मदरसा' चलाने वाले अली अहमद खान और उसके बेटे असद अहमद खान को गिरफ्तार किया है। अली अहमद मदरसा प्रबंधक और असद अहमद सह प्रबंधक हैं। दोनों ने मदरसा समिति के बैंक खाते में 40 लाख रुपये आनलाइन माध्यम यानी आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करवाए थे।
एडीसीपी के अनुसार, पूछताछ में असद अहमद ने साइबर अपराधियों से मिलकर देशभर में ठगी करने की बात भी स्वीकार की है। उनको साइबर अपराधियों के लिए मदरसा के बैंक खाते के साथ ही अन्य बैंक खाते की जानकारी मुहैया करवाने के बदले जमा राशि का 50 प्रतिशत कमीशन मिलता था।
पुलिस ने शनिवार दोपहर अली अहमद खान को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया, जबकि असद अहमद को 10 दिसंबर तक रिमांड पर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि आगे की जांच के लिए आयकर और ईडी को भी पत्र लिखेगी, ताकि हकीकत सामने आ सके। वहीं, पुलिस को आरोपियों के कुल नौ बैंक खातों की जानकारी मिली है। ये सभी बैंक खाते घटना के 15 दिन पहले ही खुलवाए गए थे। इससे स्पष्ट हो गया कि बैंक खातों का इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए हुआ है। एक ही बैंक खाते में डेढ़ करोड़ रुपये एक दिन में अलग-अलग शहरों से जमा कराए गए हैं।
चीन के नेटवर्क का उपयोग करता था असद अहमद
पुलिस को असद अहमद के फोन में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) एप मिला है। असद संघाई (चीन) के नेटवर्क का उपयोग करता था। उसने पूछताछ में बताया कि कुछ महीनों पहले जम्मू कश्मीर के युवक से फेसबुक पर संपर्क हुआ था। उसके इशारे पर ही वह कमीशन पर खाते उपलब्ध करा रहा था। पुलिस आगे की लिंक खंगाल रही है।
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