- 29 वर्ष में कई ट्रेनों के लोको पायलट रह चुके हैं ध्रुव
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, महोबा
देश की पहली स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस के ट्रायल का मौका महोबा जिले के कुलपहाड कस्बा निवासी सीनियर लोको पायलट ध्रुव रिछारिया को मिला है। चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार होने के बाद 16 कोच की स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस को ट्रायल के लिए झांसी रेल मंडल के खजुराहो - महोबा रेल सेक्शन पर ट्रायल के लिए भेजा गया है। जिस ट्रेन की खासियत जानने के लिए आम यात्री उत्साहित है, उसके लोको पायलट ने भी अपने अनुभव को साझा करते हुए हर्ष जताया।
29 वर्षों से झांसी में बतौर लोको पायलट अपनी सेवाएं दे रहे कुलपहाड़ निवासी ध्रुव रिछारिया देश की सभी प्रतिष्ठित यात्री ट्रेन राजधानी , गतिमान व शताब्दी एक्सप्रेस चला चुके हैं। ध्रुव रिछारिया ने एम्पटी कोच (खाली कोच ) के अलावा यात्रियों के वजन के अनुरूप आयरन बैग से भरे कोच में खचाखच भरी ट्रेन का भी 130 किमी. प्रति घंटा की गति के साथ ट्रायल किया।
उन्होंने रेल यात्रा के दौरान लगने वाले बफ फोर्स , बाउंस फोर्स , एक्सलेरेशन , डीएक्सलेरेशन , डम्प फोर्स का भी आरडीएसओ इंजीनियरों की मौजूदगी में परीक्षण किया।
ध्रुव रिछारिया की पृष्ठभूमि रेलवे से जु़ड़ी है, उनके पिता प्रेमबाबू रिछारिया कुलपहाड के रहने वाले हैं। प्रेम बाबू रिछारिया रेलवे में अहमदाबाद में सीनियर बुकिंग क्लर्क पद से रिटायर्ड हुए। ध्रुव का पूरा परिवार अभी भी कुलपहाड में ही रहता है।
स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के अनुभव के बारे में ध्रुव कहते हैं कि यह भारत की अब तक की सबसे अत्याधुनिक ट्रेन है एवं 29 वर्षों के अनुभव में उन्होंने कई तकनीकियों से सुसज्जित ऐसी ट्रेन कभी नहीं चलाई है। वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस में यात्रियों को लग्जरी सफर का अनुभव मिलेगा। स्वच्छता व सुरक्षा की दृष्टि से भी ट्रेन में अत्याधुनिक प्रबंध किए गए हैं।
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