गंगा डॉल्फिन के संरक्षण को बनाए गए डॉल्फिन मित्र

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-प्रोजेक्ट के तहत वाराणसी में 06 तथा गाजीपुर में 05 डाल्फिन मित्रों का चयन किया गया


-गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के लिए  वाराणसी और गाजीपुर जिले किए गए हैं को चिह्नित 


-भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम- 1972 के तहत डॉल्फिन को संरक्षित जलीय जीव घोषित किया गया


प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, वाराणसी 


संरक्षित जलीय जीव में शुमार गंगा डॉल्फिन का शिकार अब मछुआरे नहीं कर सकेंगे। गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के लिए डॉल्फिन मित्र की तैनाती की जा रही है, जो डॉल्फिन के प्रवास के क्षेत्रों में नजर रखेंगे। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट के तहत वाराणसी और गाजीपुर जिले में डॉल्फिन मित्र नियुक्त किए जाएंगे।



केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश वन विभाग डॉल्फिन के संरक्षण के लिए डॉल्फिन मित्र कार्यक्रम की घोषणा की है। इसके तहत गंगा नदी में मौजूद रहते हैं और डॉल्फिन के प्रवास स्थानों पर नजर रखते हैं। ठंड के मौसम में नदी में मछली पकड़ने की संम्भावना रहती है। इसलिए वन संरक्षक वाराणसी क्षेत्र के  प्रस्ताव पर गंगा नदी में डॉल्फिन और उसके प्रवास को संरक्षित करने के लिए परियोजना केंद्र सरकार ने स्वीकृत की है।


 इन्टीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्ड लाइफ ने 24 अक्टूबर को स्वीकृति प्रदान करते हुए अवगत कराया थी‌। इसमें गंगा डॉल्फिन कंजरवेशन के लिए विशेष रूप से प्रावधान किया गया है। इसमें डॉल्फिन संरक्षण के लिए डॉल्फिन मित्र वाराणसी व गाजीपुर जनपद के लिए चिह्नित किए गए हैं।


वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक वाराणसी डॉ. रवि कुमार सिंह ने बताया कि परियोजना से जुडने के लिए इच्छुक व्यक्तियों ने अपना आवेदन निर्धारित प्रारूप में भरकर प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय /अथवा क्षेत्रीय वनाधिकारी काशी को प्रेषित किया था। प्रभागीय वनाधिकारी वाराणसी तथा गाजीपुर द्वारा आवेदन पत्रों का परीक्षण कर डाल्फिन मित्रों का चयन किया गया है। वाराणसी में छह तथा गाजीपुर में पांच डाल्फिन मित्र चयनित किए गए हैं। 


डॉल्फिन मित्रों के कार्य


डॉल्फिन मित्रों के मुख्य कार्य वाराणसी व गाजीपुर जनपदों में गंगा नदी में निरन्तर निगरानी रखते हुए डॉल्फिन को संरक्षित रखना है। आमजन को गंगा डॉल्फिन के विषय में जागरूक करना है।


प्रोजेक्ट डॉल्फिन भारत में गंगा व उसकी सहायक नदियों में डॉल्फिन के संरक्षण शुरू किया गया। यह एक वन्यजीव संरक्षण योजना है, जिसे केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वर्ष 2021 में शुरू किया था। अन्तर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN ) द्वारा गंगा डॉल्फिन को विलुप्तप्राय प्रजाति घोषित किया है। डॉल्फिन के संरक्षण के लिए भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के तहत डॉल्फिन को संरक्षित जलीय जीव घोषित किया गया है। इसे राष्ट्रीय जलीय जीव पांच अक्टूबर 2022 को घोषित किया था। हर साल पांच अक्टूबर को राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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