Bengaluru AI Engineer Atul Shubhash suicide case : एआइ इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में आरोपी पत्नी, सास व साला गिरफ्तार

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पत्नी निकिता को गुरुग्राम, मां निशा व भाई अनुराग को कर्नाटक पुलिस ने प्रयागराज से किया गिरफ्तार 


निकिता की ट्रांजिट रिमांड गुरुग्राम कोर्ट से तथा मां व भाई की रिमांड प्रयागराज कोर्ट से बनवाकर ले जाएगी बेंगलुरु 




बेंगलुरु पुलिस की गिरफ्तारी में तीनों आरोपी।

प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, जौनपुर


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में आरोपी पत्नी निकिता सिंहानिया को बेंगलुरु पुलिस ने गुरुग्राम, उसकी मां निशा सिंहानिया और भाई अनुराग सिंहानिया को प्रयागराज से शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया है। निकिता की ट्रांजिट रिमांड गुरुग्राम कोर्ट से तथा मां व भाई की रिमांड प्रयागराज कोर्ट से बनवाकर पुलिस बेंगलुरु ले जाएगी। वहां की अदालत में तीनों आरोपियों को पेश किया जाएगा। पुलिस अभी तक आरोपी ताऊ सुशील सिंहानिया को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। गिरफ्तारी की पुष्टि कर्नाटक पुलिस के बेंगलुरु व्हाइट फील्ड डिवीजन के डीसीपी शिवकुमार ने की है। 

मृत इंजीनियर अतुल सुभाष के भाई विकास ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में नौ दिसंबर को एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि उसके भाई की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक थी। शाम को उसने अपने भाई से बात की थी। उसके बाद उसके भाई द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना मिली थी। भाई से पैसे ऐंठने की आड़ में निकिता सिंहानिया, निशा, अनुराग व सुशील ने पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाया। साथ ही उस अत्यधिक मानसिक और शारीरिक तनाव दिया गया। निकिता और उसके परिवार के सदस्यों ने हमारे खिलाफ कई झूठे मुकदमे दर्ज कराए। मामलों को बंद करने के लिए सभी आरोपी मिलकर उससे तीन करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे। मेरे भाई को अपने बच्चों को देखने और उनसे मिलने के लिए 30 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की जा रही थी। 

अदालत के सुनवाई के दौरान भाई अतुल के बयानों का मजाक उड़ाकर उसे आत्महत्या के लिए उकसाया गया। कहा गया कि अतुल को उन्हें तीन करोड़ रुपये देना चाहिए या आत्महत्या कर लेना चाहिए। आत्महत्या करने से पहले भाई ने ऐसा कदम उठाने के अपने कारणों पर बताया है कि उसे चारों लोगों द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। साथ ही उससे जबरन वसूली की जा रही थी। 


पुलिस ने जांच के उपरांत इन तथ्यों के आधार पर चारों आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। बेंगलुरु पुलिस तीन दिन पूर्व जौनपुर जांच के लिए आई। आरोपितों के फरार होने पर उनके घर नोटिस चस्पा किया गया। दीवानी न्यायालय पहुंचकर अतुल से जुड़े सभी मुकदमों की दो दिन पक्की नकल ली और अंततः पुलिस की दूसरी टीम ने आरोपितों को दो अलग अलग स्थानों से गिरफ्तार कर लिया।

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