बैठक करते श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन डॉ. नृपेन्द्र मिश्र। |
प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, अयोध्या
श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर में प्रवेश के लिए चारों दिशाओं में प्रस्तावित प्रवेश द्वारों के नाम इतिहास के प्रसिद्ध प्रमुख आचार्यों के नाम पर रखे जाएंगे। प्रमुख आचार्यों के नाम से प्रवेश द्वारों की पहचान होगी। अंतिम विचार विमर्श के बाद ही आचार्यों के नाम तय किए जाएंगे। इसके अलावा राम नवमी से पूर्व पदवेश (जूता- चप्पल) स्थल सहित मन्दिर परिसर के भीतर की सड़कों और 18 एकड़ में हरीतिका वीथी पर काम पूरा करने का लक्ष्य मार्च तक रखा गया है। ये निर्णय शनिवार को
निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र की अध्यक्षता में निर्माण एजेंसियों के जिम्मेदार के साथ हुई बैठक में विस्तार से चर्चा के बाद लिया गया।
मन्दिर की चारों दिशाओं में बनने वाले प्रवेश द्वारों की पहचान इतिहास प्रसिद्ध प्रमुख आचार्यों के नाम से होगी। हालांकि उनके नाम आगे तय किए जाएंगे। इसके अलावा सत्तर एकड़ वाले मन्दिर परिसर में 40 एकड़ हरियाली के लिए समर्पित होगा। उसमें से अठारह एकड़ की हरीतिका वीथी मार्च तक तैयार हो जानी है। मन्दिर आने वाले श्रद्धालुओं के पदवेश रखने के लिए व्यवस्थित स्थान तैयार होना है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर के भीतर की लगभग तीन सौ मीटर सड़क का सुंदरीकरण कराकर तैयार किया जाना है। सप्तऋषि मन्दिर पूर्ण होने पर इनके बीच एक मनोहारी पुष्करिणी (फूलों से भरी तलैया) निर्मित की जाएगी।
बैठक में सम्मिलित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने जानकारी दी। डॉ. मिश्र ने बताया कि बहुत से कार्य को पूर्ण करने की सीमा रामनवमी के दृष्टिगत ही मार्च तक रखी गई है।
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