SBI Pensioners Kavi Sammelan : कुत्ता उनका गटर में न गिरता तो सीवर की जल्दी सफ़ाई न होती

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भारतीय स्टेट बैंक पेंशनर्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने बांधा समां

कवि सम्मेलन में कविता पाठ करते कवि।



प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ


भारतीय स्टेट बैंक पेंशनर्स एसोसिएशन लखनऊ अंचल की ओर से बैंक के मुख्य शाखा परिसर में आयोजित कवि सम्मेलन में प्रसिद्व व्यंगकार श्यामल मजूमदार ने कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए अपनी रचना सुनाकर खूब तालियां बटोरीं- सियासत में अंधी कमाई न होती तो चेहरे पे उनके लुनाई ना होती।अगर कुत्ता उनका गटर में न गिरता तो सीवर की जल्दी सफ़ाई न होती... प्रस्तुति ने दर्शकों की तालियां बटोरी।


कवि सम्मेलन में मौजूद अतिथि गण।



हास्य-व्यंग की कविताओं का प्रारंभ बलिया से आए गीतकार महेश चन्द्र गुप्त ‘महेश‘ ने अपनी रचना- किया है तुमने मुझको तंग, पिलाकर ठंढाई में भंग।सुर्ख होने लगे मेरे गाल, ए रसिया मल दो आज गुलाल... से दर्शकों को सराबोर कर दिया।





वहीं, राष्ट्रीय मंचों पर सुनी जाने वाली कवयित्री शशि श्रेया की रचना- शयन रत मन जगाना आ गया है, विजय का पथ बनाना आ गया है। हवा के रूख की अब चिंता नहीं है, मुझे दीपक जलाना आ गया है...को दर्शकों ने बहुत पसन्द किया।इसी तरह बाराबंकी के हास्य कवि संदीप अनुरागी व अन्य कवियों ने अपनी रचनाएं सुनाकर खूब गुदगुदाया, जिसे श्रोताओं ने सराहा।



इसे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि स्टेट बैंक लखनऊ मंडल के मुख्य महाप्रबन्धक शरद एस. चांडक के साथ लखनऊ अंचल के उपमहाप्रबंधक आर. नटराजन तथा स्टेट बैंक पेंशनर्स एसोसिएशन के महामंत्री अतुल स्वरूप, मंडल अध्यक्ष दिनेश चन्द्रा एवं केके सिंह पूर्व महामंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर किया।अंत में अंचल अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद किया।इस दौरान मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी समेत अन्य मौजूद रहे।

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