दिन - मंगलवार
विक्रम संवत - 2080
शक संवत -1945
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत ॠतु
मास - चैत्र (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार फाल्गुन
पक्ष - कृष्ण
तिथि - अष्टमी रात्रि 08:08 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र - पूर्वाषाढा रात्रि 10:49 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
योग - परिघ शाम 06:36 तक तत्पश्चात शिव
राहुकाल - शाम 03:48 से शाम 05:21 तक
सूर्योदय-06:31
सूर्यास्त- 18:52
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
अशांति मिटाने का उपाय
गाय के गोबर के कंडे लें, उसके ऊपर घी में भीगे हुए चावल डालकर जलाएं l घर में शांति आएगी व वास्तु दोष दूर होंगे l
दरिद्रता दूर करने का उपाय
सूर्य नारायण को प्रार्थना करें, जल चढ़ायें।
चावल और गाय के दूध की खीर बनायें और सूर्य देव को भोग लगायें ।
इतवार को बिना नमक के भोजन करने को कहा गया है ।
ऐसा कुछ समय तक करने से दरिद्रता दूर होती है, इसमें शंका नही ।
घर के झगड़े शांत करने का उपाय
घर में झगड़े होते तो एक लोटा पानी लेकर रात को सोते समय पलंग के नीचे रखो और दूसरे दिन सुबह वो पानी घर में छाँटो और पीपल को सींच दो, घर के झगड़े खत्म होगे ।
पंचक
पंचक का आरंभ 05 अप्रैल, शुक्रवार के दिन सुबह के 07 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 09 अप्रैल मंगलवार के दिन सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर होगा।
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