Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (04 अप्रैल 2024)

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दिनांक - 04 अप्रैल 2024,दिन - गुरूवार

विक्रम संवत - 2080

शक संवत -1945

अयन - उत्तरायण

ऋतु - वसंत ॠतु

मास - चैत्र (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार फाल्गुन

पक्ष - कृष्ण

तिथि - दशमी शाम 04:14 तक तत्पश्चात एकादशी

नक्षत्र - श्रवण रात्रि 08:12 तक तत्पश्चात धनिष्ठा

योग - सिद्ध दोपहर 01:16 तक तत्पश्चात साध्य

राहुकाल - दोपहर 02:15 से शाम 03:48 तक

सूर्योदय-06:30

सूर्यास्त- 18:53

दिशाशूल - दक्षिण दिशा में

व्रत पर्व विवरण - ब्रह्मलीन भगवत्पाद साॅई श्री लीलाशाहजी महाराज का प्राकट्य दिवस
   
एकादशी 

04 अप्रैल 2024 गुरूवार को शाम 04:14 से 05 अप्रैल, शुक्रवार को दोपहर 01:28 तक तक एकादशी है ।

विशेष - 05 अप्रैल, शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।

एकादशी के दिन करने योग्य

एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें। विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l

एकादशी के दिन ये सावधानी रहे

महीने में 15-15 दिन में  एकादशी आती है। एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए। एकादशी के दिन जो  चावल खाता है तो धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है।


 पंचक 

पंचक का आरंभ 05 अप्रैल, शुक्रवार के दिन सुबह के 07 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 09 अप्रैल मंगलवार के दिन सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर 

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