विक्रम संवत - 2080
शक संवत -1945
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत ॠतु
मास - फाल्गुन
पक्ष - शुक्ल
तिथि - षष्ठी रात्रि 10:09 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र - कृत्तिका शाम 04:08 तक तत्पश्चात रोहिणी
योग - विष्कंभ शाम 07:46 तक तत्पश्चात प्रीति
राहुकाल - सुबह 11:17 से दोपहर 12:48 तक
सूर्योदय-06:48
सूर्यास्त- 18:47
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
होलाष्टक विशेष
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर फाल्गुन मास की पूर्णिमा यानी होली के दिन तक का काल "होलाष्टक" कहलाता है | इन दिनों में शादी, ब्याह, सगाई आदि के काम नहीं किये जाते, लेकिन अगर जप-तप करते हैं तो बहुत फायदा होता है | चमत्कारिक फायदा होता है |
विशेष ~ 16 मार्च 2024 शनिवार से होलाष्टक प्रारंभ।
पंचक
मार्च 2024 -8 मार्च, शुक्रवार रात 09:20 से शुरू होकर पंचक 12 मार्च, मंगलवार रात 08:29 पर खत्म होंगे।
अप्रैल 2024 -शुरूआत 5 अप्रैल, शुक्रवार सुबह 07:12 से होगी और अंत 9 अप्रैल, मंगलवार सुबह 07:32 मिनट पर हो जाएगा।
एकादशी
तिथि 20 मार्च को 12:21 एएम पर शुरु होगी. इस तिथि का समापन 21 मार्च को 02:22 एएम पर होगा। उदयातिथि के आधार पर एकादशी का व्रत 20 मार्च दिन बुधवार को रखा जाएगा।
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