प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, नई दिल्ली
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेसवार्ता के दौरान मशहूर शायर बशीर बद्र एक शायरी पढ़ी- “दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों..”। इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक दलों को नसीहत देते हुए कहा हमारा लक्ष्य धनबल और जनबल मुक्त चुनाव संपन्न कराना है। इस बार काफी सख्ती बरतेंगे किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
चुनाव आयोग ने जारी किए दिशा निर्देश
हेट स्पीच को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस पर पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश दे दिया है। चुनाव में हेट स्पीच की कोई जगह नहीं। हेट स्पीच करने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि धनबल को लेकर हम सख्त हैं। इसको लेकर जांच एजेंसियों से संपर्क किया गया है। अगर कोई नेता या कार्यकर्ता धनबल का उपयोग करता है तो उसकी खैर नहीं।
झूठी खबर फैलाने वालों की खैर नहीं
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाते हुए पकड़े जाने पर दोषी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। फेक खबरों पर नजर रखने के लिए सेटअप तैयार कर लिया गया है।
आपराधिक छवि वालों को क्यों टिकट दिया गया
राजनीतिक दलों को स्पष्ट करना होगा कि आपराधिक छवि या क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले व्यक्तियों को किस आधार पर टिकट दिया गया है। इसके लिए राजनीतिक दलों को अखबार और टीवी चैनलों के माध्यम से विज्ञापन भी देना होगा।
चुनाव आयोग ने कहा- पर्सनल अटैक से बचें
चुनाव प्रचार के दौरान राजनेता और प्रत्याशी एक दूसरे पर व्यक्तिगत आक्षेप यानी पर्सनल अटैक करने से बचें। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। चुनाव मुद्दों पर आधारित होना चाहिए।
चुनाव में बच्चों की तस्वीरों का उपयोग न किया जाए
चुनाव आयोग ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल अपने कैंपेन में छोटे बच्चे का उपयोग न करें। ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
गलत विज्ञापन देने पर सख्त कार्रवाई होगी
आयोग ने कहा कि गलत विज्ञापन देने वाले राजनीतिक दलों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। सभी लोगों को इसका विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।
चुनाव प्रचार में जाति या धर्म की बात नहीं कर पाएंगे। ऐसा करने वाले प्रत्याशियों या नेताओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। आयोग ने कहा कैंपेन सबको जोड़ने वाला होना चाहिए, न कि तोड़ने वाला।
आयोग ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर प्रतिद्वंदियों को बदनाम न करें। किसी नेता या उम्मीदवारों को बदनाम करने वाला पोस्टर न लगाएं। क्योंकि ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी दल अपने संगठनों को सही सलाह दें। इसके साथ ही आयोग ने सभी दल संगठन के कामकाज को पारदर्शी रखने लिए कहा है।
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