होलिका के बीच से निकलते मथुरा के कोसीकलां के मोनू पांडा। |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, मथुरा
होलिका को आग की लपटें जला गईं थीं, जबकि भक्त प्रह्लाद सकुशल वापस आ गए थे। मथुरा के कोसीकलां क्षेत्र के फालैन गांव में आधुनिक युग में भी एक प्रह्लाद हैं, जो होलिका के धधकती आग की लपटों और अंगारों के बीच से नंगे पांव हथेली में दीपक की जलती लौ लिए सुरक्षित बाहर निकल आए। वहां मौजूद हर शख्स यह नजारा देखकर हतप्रभ रह गया।
मथुरा के कोसीकलां में होलिका के धधकते अंगारों पर चलते मोनू पांडा। |
मौका था शनिवार को मथुरा के कोसीकलां क्षेत्र के फालैन गांव में अनूठे होली मेला में मोनू पंडा धधकती होलिका के अंगारों से निकला। मन में भक्त प्रह्लाद को विराजमान कर वो होलिका से सकुशल बाहर आए तो यहां मौजूद हजारों लोगों ने दांतों तले अंगुली दबा ली।
होलिका से गुजरने के लिए मोनू ने एक माह पहले घर छोड़ दिया था। गांव के बाहर मोनू प्रह्लाद मंदिर पर तप पर बैठ गए। केवल पानी, बतासे और लौंग के सहारे एक माह गुजारने वाले मोनू ने सोमवार सुबह चार बजे प्रह्लाद जी की माला गले में धारण की।
उसके बाद मोनू पंडा ने अखंड दीपक की लौ पर हथेली रख होलिका से गुजरने का आदेश मांगा। जैसे ही हथेली पर शीतलता का अहसास हुआ। मोनू ने प्रह्लाद कुंड में स्नान किया। लग्न शुरू होते ही मोनू जलती हुई होलिका में कूद गए। इस नजारे को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मोनू पंडा 15 फीट ऊंची होलिका पर 14 कदम रखकर सकुशल प्रहलाद जी के मंदिर पहुंचे गए। उनके दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।
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