प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, नई दिल्ली
चुनावी बांड यानी Electoral Bond के राज छुपाने की भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की शातिराना चाल पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया है। कोर्ट ने SBI को जमकर फटकार लगाते हुए मंगलवार तक चुनावी बांड की समस्त जानकारी देने का आदेश दिया है। भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बांड से जुड़ी सभी जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित करनी होगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी देने के लिए समय विस्तार की मांग कर रही बैंक की याचिका को भी खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच का कहना है कि SBI मंगलवार तक इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी भारत निर्वाचन आयोग यानी Election Commission of India (ECI) दे।
इलेक्टोरल बांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI को सख्त आदेश देने के साथ ही चुनाव आयोग को शुक्रवार शाम पांच बजे तक जानकारियां प्रकाशित करने के भी आदेश दिए हैं।
अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक को चेतावनी भी दी है कि अगर आज यानी मंगलवार तक जानकारी नहीं दी गई, तो अवमानना की कार्रवाई भी की जाएगी। ECI को देने के लिए SBI ने 30 जून तक का समय मांगा था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश यानी Chief Justice of India (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय बेंच ने इस मामले पर सुनवाई कर रही है। बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं।
बैंक की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया है कि बैंक को जानकारी जुटाने के लिए और समय की जरूरत है। उन्होंने मामले की संवेदनशीलता का हवाला दिया और पूरी प्रक्रिया में नाम नहीं होने की बात कही। उन्होंने बताया कि डोनर की जानकारी को बैंक की तय शाखाओं में सील बंद लिफाफे में रखी जाती है।
उन्होंने कहा कि आदेश का पालन करने के लिए थोड़ा और समय चाहिए। जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए पूरी प्रक्रिया को रिवर्स करना पड़ रहा है। एक बैंक के तौर पर इस प्रक्रिया को गुप्त रखने के लिए कहा गया था।
इसपर सीजेआई चंद्रचूड़ ने SBI पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आप कह रहे हैं कि जानकारियों को सीलबंद लिफाफे में रखा गया और मुंबई ब्रांच में जमा कराया गया है। हमारे निर्देश जानकारियों का मिलान करने के लिए नहीं थे, हम चाहते हैं SBI दानदाताओं की जानकारी सबके सामने रखे। आप आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं?'
30 जून तक का समय मांगने पर शीर्ष न्यायालय ने SBI को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि बीते 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए हैं? आपके आवेदन में इसपर कुछ नहीं कहा गया है। सालवे ने जवाब दिया कि इस काम में तीन महीनों का समय लगता है। उन्होंने कहा कि मैं गलती नहीं कर सकता, नहीं तो दानदाता मुझपर केसकर देंगे।
यह है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में इलेक्टोरल बांड को असंवैधानिक करार देते हुए पर तत्काल प्रभाव से इस स्कीम पर रोक लगा दी थी। साथ ही बांड जारी करने वाले भारतीय स्टेट बैंक से इसकी सारी जानकारी चुनाव आयोग को देने को कहा था। ताकि देश की जनता को पता चल सके कि किस राजनीतिक पार्टियों को किससे कितना चंदा मिला है।
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