अयोध्या के रामघाट स्थित आवास पर रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास पर गुलाल अर्पित करते इकबाल अंसारी। |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, अयोध्या
अयोध्या धाम में श्रीरामलला मंगलवार यानी आज रामानंदीय विरक्त वैष्णव परंपरा के अनुरूप होली खेलेंगे। सामान्य तौर पर होली सोमवार को मनाई जाती है लेकिन श्रीरामलला की होली चैत्र कृष्ण प्रतिपदा का मुहूर्त उदया तिथि में मिलने के हिसाब से मंगलवार को मनाई जाएगी।
इतिहास और दस्तावेज के आधार पर दावा किया जाता है कि 496 वर्ष पूर्व विक्रमादित्य कालीन मंदिर विदेशी आक्रमणकारियों ने ध्वस्त कर दिया था, उसके बाद से यह पहली होली है जब रामलला पुनः गरिमा के अनुरूप भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इस विशेष अवसर के लिए व्यापक तैयारी की गई है। मंगलवार को सुबह नियमित पूजन अभिषेक के बाद और श्रृंगार आरती से पूर्व ही रामलला को गुलाल अर्पित किया जाएगा।
रामलला के लिए विशेष किस्म का गुलाल लखनऊ स्थित बोटैनिकल गार्डन के वैज्ञानिकों की ओर से भेंट किया गया है। यह गुलाल कचनार के फूलों से निर्मित है और इसमें किसी प्रकार के रसायन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यद्यपि रामलला को मर्यादा के अनुरूप कपोल, हथेली के ऊपरी हिस्से और पांव में ही गुलाल लगाया जाएगा, लेकिन अर्चक गुलाल से एक दूसरे को सराबोर कर होली के उल्लास में डुबकी लगाएंगे।
उसके उपरांत दोपहर के राजभोग में रामलला को दाल, चावल, पूरी, सब्जी, खीर, गुझिया सहित विविध व्यंजन प्रस्तुत किए जाएंगे। सायं संगीत संध्या के माध्यम से रामलला की होली शिखर का स्पर्श करेगी।
रामलला के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार होली तो हम हर साल मनाते थे, किंतु इस बार की होली बिल्कुल अलग है। जहां हर होली में रामलला के लिए भव्य मंदिर का अभाव खटकता रहता था। इस बार शताब्दियों से प्रतीक्षित यह स्वप्न पूर्ण हुआ है। यह अवसर मेरे स्वयं के ही लिए नहीं, करोड़ों राम भक्तों के लिए अवर्णनीय है। आचार्य सत्येंद्रदास ने न्यायालय में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के साथ अपने रामघाट स्थित आवास पर रविवार को होली खेल कर सद्भाव का भी संदेश दिया।
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