जिला कारागार में पूर्व मंत्री आजम खां से मुलाकात के बाद बोले सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
सीतापुर जिला जेल में बातचीत करते सपा प्रमुख अखिलेश यादव। |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, सीतापुर
चुनावी बांड यानी इलेक्टोरेल बांड ने भाजपा का बैंड बजा दिया है। उसके बाद वह उत्पीड़न पर उतर आई है। दिल्ली में इसका असर दिख रहा है, जहां मुख्यमंत्री को जेल भेज जा रहा है, लेकिन, अन्याय की भी उम्र होती है। एक समय के बाद उसका भी नाश होता है। यह बातें सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को जिला कारागार में पूर्व मंत्री आजम खां से मुलाकात के बाद कही।
उन्होंने इलेक्टोरेल बांड पर चर्चा करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां तो चंदा ले सकती हैं, लेकिन यह तो सत्ता में हैं। करीब एक घंटे तक मुलाकात करने के बाद राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के साथ बाहर आए अखिलेश ने कहा कि भाजपा उत्पीड़न के जरिये आवाज दबाना चाहती है। जिला कारागार के बाद वह पूर्व विधायक के आवास पर पहुंचे और करीब आधे घंटे तक चर्चा की।
प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में कटेंगे भाजपा के ढाई लाख वोट
पेपर लीक मामले पर सरकार को घेरते हुए कहा कि इसको लेकर परीक्षार्थियों और उनके परिवारजन में विरोध है। करीब साठ लाख परीक्षार्थी और उनके तीन-तीन परिवारजन जोड़ दें तो यह संख्या डेढ़ करोड़ पहुंचती है। इसको अस्सी लोकसभा क्षेत्रों में बांट दिया तो प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में ढाई लाख वोट भाजपा के कटेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए को ‘पीडीए’ हराएगा। हालांकि, पत्रकारों के पूछने पर भी उन्होंने आएनडीआइए का जिक्र करने से परहेज किया, जबकि यहां की सीट कांग्रेस के हिस्से में गई है।
छह माह में पहली बार मिलने पहुंचे अखिलेश
बेटे के दो प्रमाणपत्र मामले में पूर्व मंत्री आजम खां को 22 अक्टूबर 2023 को रामपुर से जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था। इस दौरान उनसे मुलाकात करने सपा का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा था। हालांकि, उनके परिवारजन के अलावा पूर्व विधायक अनूप गुप्ता, जिलाध्यक्ष छत्रपाल यादव जरूर पहुंचे थे। छह माह में आजम खां से अखिलेश यादव की पहली मुलाकात है। एक सप्ताह पहले भी अखिलेश के आने की चर्चा थी। बताया जाता है कि तब आजम ने मिलने से मना कर दिया था। इससे पहले आजम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से भी मुलाकात से इन्कार कर चुके हैं।
सपाई ही दिखे, कांग्रेसी नहीं
इस दौरान सपा के जिलाध्यक्ष छत्रपाल यादव, विधायक अनिल वर्मा, एमएलसी जासमीर अंसारी, पूर्व एमएलसी आनंद भदौरिया आदि नेता ही दिखाई दिए। गठबंधन में शामिल कांग्रेस का कोई नेता नहीं पहुंचा। इसकी चर्चा भी होती रही।
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