Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (23 जून 2023)

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दिनांक  23 जून 2023, दिन शुक्रवार 

विक्रम संवत - 2080 (गुजरात - 2079)

शक संवत -1945

अयन - उत्तरायण

ऋतु - वर्षा ॠतु

मास - आषाढ

पक्ष - शुक्ल

तिथि - पंचमी शाम 07:53 तत्पश्चात षष्ठी


नक्षत्र - मघा पूर्ण रात्रि तक


योग - वज्र 24 जून प्रातः 04:32 तक तत्पश्चात सिद्धि


राहुकाल - सुबह 11:00 से दोपहर 12:41 तक


सूर्योदय-05:59


सूर्यास्त- 19:22


दिशाशूल- पश्चिम दिशा में


व्रत पर्व विवरण - 


विशेष -  पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


लक्ष्मी प्राप्ति में सावधानी


फूलों को पैरो तले नहीं आने देना चाहिए, अन्यथा लक्ष्मीजी नाराज़ हो जाती हैं l


वास्तु शास्त्र


19 जून से 27 जून तक गुप्त नवरात्रि  पर्व है। इस दौरान देवी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना जाता है। वास्तु में ऐसी कई वस्तुएं बताई गई हैं, जिनका खास संबंध किसी विशेष देवी-देवता या दिन से माना जाता है। वास्तु के अनुसार, देवी से संबंधित ये 5 चीजें नवरात्रि  के दौरान घर में लाई जाएं तो देवी प्रसन्न होती हैं और घर-परिवार पर देवी की विशेष कृपा बनी रहती है।

 

देवी की विशेष कृपा के लिए नवरात्रि  के दौरान घर में रखें ये 5 चीजें


1-कमल का फूल या तस्वीर

कमल का फूल देवी लक्ष्मी को विशेष रुप से प्रिय है।नवरात्रि  के दौरान यदि घर में कमल का फूल या उससे संबंधी कोई तस्वीर लगाई जाए तो देवी लक्ष्मी की कृपा घर-परिवार पर हमेशा बनी रहती है।


2-चाँदी या सोने का सिक्का

नवरात्रि  के दौरान घर में चाँदी या सोने का सिक्का लाना अच्छा माना जाता है। सिक्के पर यदि देवी लक्ष्मी या भगवान गणेशजी का श्रीचित्र अंकित हो तो और शुभ होगा।


3-देवी लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर

घर में हमेशा धन-धान्य बनाए रखना चाहते हैं तो नवरात्रि  के दौरान देवी लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर घर में  लाएँ जिसमें कमल के फूल पर माता लक्ष्मी बैठी दिखाई दे रही हो, साथ ही उनके हाथों से धन की वर्षा हो रही हो।


4-मोर पंख

देवी के सरस्वती स्वरूप में देवी का वाहन मोर माना जाता है, इसलिए नवरात्रि  के दौरान घर में मोर पंख ला कर उसे मंदिर में स्थापित करने से कई फायदे होते हैं।


5-सोलह श्रृंगार का सामान

नवरात्रि  के दौरान सोलह- श्रृंगार का सामान घर लाना चाहिए और उसे घर के मंदिर में स्थापित कर देना चाहिए। ऐसा करने से देवी माँ की कृपा हमेशा घर पर बनी रहती है।


दुर्गति से रक्षा हेतु

मरणासन्न व्यक्ति के सिरहाने गीताजी रखें | दाह – संस्कार के समय ग्रन्थ को गंगाजी में बहा दें, जलायें नहीं |

मृतक के अग्नि – संस्कार की शुरुआत तुलसी की लकड़ियों से करें अथवा उसके शरीर पर थोड़ी – सी तुलसी की लकडियाँ बिछा दें, इससे दुर्गति से रक्षा होती है |

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