तिथि - चतुर्थी शाम 05:27 तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र - अश्लेशा 23 जून प्रातः 04:18 तक तत्पश्चात मघा
योग - हर्षण 23 जून रात्रि 03:32 तक तत्पश्चात वज्र
राहुकाल - दोपहर 02:21 से शाम 04:02 तक
सूर्योदय-05:59
सूर्यास्त- 19:22
दिशाशूल- दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी
विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
वास्तु दोष
जिन के घर का मुख दक्षिण में हो, वे अपने घर के दरवाजे के बाहर एक गमले में आम का पौधा लगायें और गुरुमंत्र का जप करें इससे वास्तु दोष दूर होगा घर का ।
जामुन के फायदे
जामुन अग्निप्रदीपक, पाचक, स्तंभक रोकने वाला तथा वर्षा ऋतु में अनेक रोगों में उपयोगी है |
-जामुन में लोहतत्व पर्याप्त मात्रा में होता है |अत: पिलिया के रोगों में जामुन का सेवन हितकारी है |
-जामुन यकृत, तिल्ली और रक्त की अशुद्धि को दूर करता है |
-जामुन खाने से रक्त की अशुद्धि दूर हो जाती है तथा लालिमा युक्त बनता है |
-जामुन मधुमेह, अतिसार, पथरी, पेचिस, संग्रहणी, यकृत के रोगों और रक्तजन्य विकारों को दूर करता है |
-मधुमेही के रोगीयों के लिए जामुन के बीज का चूर्ण सर्वोत्तम है |
-वायु प्रकृति वाले जामुन के ऊपर नमक, जीरा पावडर और संतकृपा चूर्ण लगागे जामुन खाये |
-मधुमेह के रोगी को नित्य जामुन खाने चाहिए | अच्छे पक्के जामुन सुखाकर बारीक कूटकर बनाया गया चूर्ण प्रतिदिन १ - १ चम्मच सुबह–शाम पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है |
-प्रदर रोग कुछ दिनों तक वृक्ष की छाल के काढ़े में शहद अर्थात मधु मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से स्त्रीयों में प्रदर रोग मिट जाता है |
-जामुन के बीज को पानी में घिसकर मुँह पर लगाने पर मुहाँसे मिटते है |
-जामुन की गुठलीयों को पीसकर शहद में मिलाकर गोलियाँ बना ले| 2-2 गोली नित्य चार बार चूसने से बैठा गला खुल जाता है, आवाज का भारीपन ठीक हो जाता है |
-जामुन की गुठली का 4-5 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से स्वप्नदोष ठीक होता है |
-जामुन के पेड़ की पत्तियाँ ज्यादा न पकी हुई, न ज्यादा मुलायम लेकर पीस ले उसमे जरा-सा सेंधा नमक मिलाकर उसकी गोलियाँ बना ले १ – १ गोली सुबह–शाम लेने से कैसे भी तेज दस्त हो बंद हो जाते है |
-जामुन भूख बढ़ाने वाले है | वर्षा ऋतु को उदर रोगों को ठीक रखने में मदद करेंगे | रक्त की शुद्धि और चेहरे पर लालीमा लानेवाले है |
सावधानी – जामुन सदा भोजन के बाद ही खाना चाहिये | भूखे पेट जामुन बिलकुल न खाये | जामुन खाने के बाद तत्काल दूध न पीये |
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