दिनांक - 17 फरवरी 2023,
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत - 2079
तिथि - द्वादशी रात्रि 11:36 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र - पूर्वाषाढा रात्रि 08:28 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
योग - सिध्दि रात्रि 11:45 तक तत्पश्चात व्यतिपात
राहुकाल - सुबह 11:27 से दोपहर 12:53 तक
सूर्योदय- 07:09
सूर्यास्त - 18:36
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
व्यतिपात योग
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
विशेष ~ व्यतिपात योग - 17 फरवरी 2013 शुक्रवार को रात्रि 11:46 से 18 फरवरी, शनिवार को रात्रि 07:36 तक व्यतिपात योग है।
शिवरात्रि
वैसे तो भगवान शिव का अभिषेक हमेशा करना चाहिए,लेकिन शिवरात्रि (18 फरवरी, शनिवार) का दिन कुछ खास है। यह दिन भगवान शिवजी का विशेष रूप से प्रिय माना जाता है। कई ग्रंथों में भी इस बात का वर्णन मिलता है। भगवान शिव का अभिषेक करने पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है मनोकामना पूरी होती है। धर्मसिन्धू के दूसरे परिच्छेद के अनुसार,अगर किसी खास फल की इच्छा हो तो भगवान के विशेष शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। यहां जानिए किस धातु के बने शिवलिंग की पूजा करने से कौन-सा फल मिलता है।
-सोने के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सत्यलोक (स्वर्ग) की प्राप्ति होती है ।
-मोती के शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों का नाश होता है।
-हीरे से निर्मित शिवलिंग पर अभिषेक करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
-पुखराज के शिवलिंग पर अभिषेक करने से धन-लक्ष्मी की प्राप्ति होती है ।
-स्फटिक के शिवलिंग पर अभिषेक करने से मनुष्य की सारी कामनाएं पूरी हो जाती हैं ।
-नीलम के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सम्मान की प्राप्ति होती है ।
-चांदी से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से पितरों की मुक्ति होती है ।
-ताम्बे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से लम्बी आयु की प्राप्ति होती है ।
लोहे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होता है ।
-आटे से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों से मुक्ति मिलती है ।
-मक्खन से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने पर सभी सुख प्राप्त होते हैं ।
-गुड़ के शिवलिंग पर अभिषेक करने से अन्न की प्राप्ति होती है ।
शिवरात्रि के दिन करने योग्य विशेष बातें
शिवरात्रि के दिन की शुरुआत ये श्लोक बोल के शुरू करें :-
देव देव महादेव नीलकंठ नमोस्तुते l
कर्तुम इच्छा म्याहम प्रोक्तं, शिवरात्रि व्रतं तव ll
- काल सर्प के लिए महाशिवरात्रि के दिन घर के मुख्य दरवाजे पर पिसी हल्दी से स्वस्तिक बना देना।शिवलिंग पर दूध और बिल्व पत्र चढ़ाकर जप करना और रात को ईशान कोण में मुख करके जप करना l
- शिवरात्रि के दिन ईशान कोण में मुख करके जप करने की महिमा विशेष है, क्योंकि ईशान के स्वामी शिव जी हैं l रात को जप करें, ईशान को दिया जलाकर पूर्व के तरफ रखें , लेकिन हमारा मुख ईशान में हो तो विशेष लाभ होगा l जप करते समय झोका आये तो खड़े होकर जप करना l
-महाशिवरात्रि को कोई मंदिर में जाकर शिवजी पर दूध चढाते हैं तो ये 5 मंत्र बोलें :-
ॐ हरये नमः
ॐ महेश्वराए नमः
ॐ शूलपानायाय नमः
ॐ पिनाकपनाये नमः
ॐ पशुपतये नमः
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