टेरर फंडिंग मामले में एनआईए का बांसमंडी में छापा

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-सुरक्षा एजेंसी को कानपुर के 5 लोगों की तलाश

-बेबिस कंपाउंड से दो संदिग्धों को उठाकर ले जाने की सूचना

-छापे के बाद अनवरगंज पुलिस भी मौके पर पहुंची 

-पांचों संदिग्ध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य बताए जा रहे हैं




प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सक्रिय सदस्यों की तलाश में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को कानपुर के कई क्षेत्रों में छापेमारी की। जांच एजेंसी को शहर के पांच लोगों की तलाश है। क्षेत्र में चर्चा तो यह है कि एनआईए 5 में से 2 संदिग्धों को बांसमंडी के बेबिस कंपाउंड से उठाकर ले गई है। उसके बाद अनवरगंज पुलिस ने भी इन परिवारों से लंबी पूछताछ की हालांकि कोई अधिकारी फिलहाल इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को आर्थिक मदद  और संगठन को मजबूत करने वालों की तलाश में राष्ट्रीय जांच एजेंसी लगातार छापेमारी कर रही है। इसके लिए  देशभर में छापेमारी चल रही है। इस कड़ी में मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की 3 सदस्यीय टीम अनवरगंज क्षेत्र के बांसमंडी स्थित दलेल पुरवा के बेबिस कंपाउंड पहुंची। 

सूत्रों की माने तो एनआईए ने यहां से साकिर और जावेद नाम के 2 युवाओं को हिरासत में लेकर चली गई। इसके अलावा टीम ने चमनगंज, बाबू पुरवा और जाजमऊ क्षेत्रों में भी छापेमारी की है। इन तीनों क्षेत्रों मे रहने वाले 3 युवाओं की जांच एजेंसी को तलाश है। 

सूत्रों की माने तो जांच एजेंसी के सदस्य डिप्टी पड़ाव स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पुराने कार्यालय भी गए थे। हालांकि संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद से यह कार्यालय बंद चल रहा है। लंबे समय से यहां न कोई हलचल और न ही गतिविधियां होती देखी गईं हैं। 3 जून को शहर में हुए उपद्रव में इस कार्यालय की बड़ी भूमिका बताई गई थी।  


एनआईए के जाने के बाद अनवरगंज पुलिस ने भी साकिर और जावेद के परिवार वालों से लंबी पूछताछ की। पुलिस इस मामले में कुछ भी जानकारी देने से इन्कार कर रही है। दोनों के परिवार वाले भी बात करने से मना कर रहे हैं। 


कानपुर में पीएफआई लंबे समय से है सक्रिय

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया  (पीएफआई) लंबे समय से उत्तर प्रदेश में सक्रिय है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाद यह संगठन लखनऊ और कानपुर में सबसे ज्यादा सक्रिय है। कानपुर में संगठन के अधिवेशन भी हो चुके हैं। पिछले दिनों इस बात का दावा किया जा रहा था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के तमाम लोग कानपुर में छुपे हुए हैं। 


यही नहीं नागरिकता संशोधन कानून के दौरान हुए बवाल और 3 जून को हुई हिंसा में भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के लोगों का हाथ सामने आया था। कानपुर में लगभग 8 सदस्यों को चिन्हित कर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इनमें से तीन अभी भी जेल में हैं। रिहा हुए 5 आरोपियों में एक फरार है। उसके बारे में पुलिस को अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

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