दिनांक - 30 अक्टूबर 2022,
दिन - रविवार
विक्रम संवत - 2079 (गुजरात-2078)
शक संवत -1944
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - हेमंत ॠतु
मास - कार्तिक
पक्ष - शुक्ल
तिथि - षष्ठी 31 अक्टूबर रात्रि 03:27 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र - मूल सुबह 07:26 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा
योग - सुकर्मा शाम 07:16 तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल - शाम 04:39 से शाम 06:04 तक
सूर्योदय - 06:41
सूर्यास्त - 18:02
दिशाशूल -पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण - छठ पूजा
विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
धन-सम्पत्ति के लिए क्या करें
घर के अंदर, लक्ष्मी जी बैठी हों ऐसा फोटो रखना चाहिए और दुकान के अंदर, लक्ष्मी जी खड़ी हों ऐसा फोटो रखना चाहिए।
ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने से तथा पूजा के स्थान पर गंगाजल रखने से घर में लक्ष्मी की वृद्धि होती है।
नौकरी-धंधे के लिए जाते हों और सफलता नहीं मिल पाती हो तो इक्कीस बार 'श्रीमद् भगवद् गीता' का अंतिम श्लोक बोलकर फिर घर से निकलें तो सफलता मिलेगी। श्लोकः
यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः।
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।।
पीपल के पेड़ में शनिवार और मंगलवार को दूध, पानी और गुड़ मिलाकर चढ़ायें और प्रार्थना करें कि 'भगवान! आपने गीता में कहा है 'वृक्षों मे पीपल मैं हूँ।' तो हमने आपके चरणों में अर्घ्य अर्पण किया है, इसे स्वीकार करें और मेरी नौकरी धंधे की जो समस्या है वह दूर हो जाय।'
श्रीहरि.... श्रीहरि... श्रीहरि – ऐसा थोड़ी देर जप करें। तीन बार जपने से एक मंत्र हुआ। उत्तराभिमुख होकर इस मंत्र की 1-2 माला शांतिपूर्वक करें और चलते-फिरते भी इसका जप करें तो विशेष लाभ होगा और रोजी रोटी के साथ ही शांति, भक्ति और आनंद भी बढ़ेगा। बस, अपने-आप समस्या हल हो जायेगी।
लक्ष्मी चाहने वाला मनुष्य भोजन और दूध को बिना ढके न रखे।
वास्तु शास्त्र
ऐसी चीजें न रखें पर्स में
देखने में आता है कि कुछ लोग पर्स में बहुत सी ऐसी चीजें रख लेते हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं होता और लंबे समय तक पर्स में रखे रहने से उनमें नकारात्मक प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए जो भी कागजात या अन्य कोई चीज जो गैरजरूरी हो, उसे तुरंत अपने पर्स से निकाल दें।
पर्स में कभी भी कोई अश्लील चित्र या अन्य अश्लील सामग्री भी नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से पर्स की बरकत खत्म हो जाती है और जीवन में नकारात्मकता बढ़ने लगती है।
हृष्ट - पुष्ट शरीर
जौ को पानी में भिगोकर, कूट के, छिलकारहित कर उसे दूध में खीर की भांति पकाकर सेवन करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट और मोटापा कम होता है।
पंचक
नवंबर 2022
पंचक का आरंभ- 2 नवंबर 2022, बुधवार को 14.16 मिनट से
पंचक का समापन- 6 नवंबर 2022, रविवार को 24.05 मिनट पर।
एकादशी
शुक्रवार, 04 नवंबर 2022- देवोत्थान, देवउठनी, प्रबोधिनी एकादशी
रविवार, 20 नवंबर 2022- उत्पन्ना एकादशी
प्रदोष
05 नवंबर, दिन: शनिवार, शनि प्रदोष व्रत
पूजा मुहूर्त: शाम 05:33 बजे से रात 08:10 बजे तक
21 नवंबर, दिन: सोमवार, सोम प्रदोष व्रत
पूजा मुहूर्त: शाम 05:25 बजे से रात 08:06 बजे तक
अमावस्या
नवंबर 2022 में अमावस्या तिथि
दिनांक: 23 नवंबर, 2022, बुधवार
कार्तिक पूर्णिमा- मंगलवार 8 नवंबर, 2022।
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