Prarabdh Dharm-Aadhyatm : आज का पंचांग (25 अगस्त 2022)

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दिनांक : 25 अगस्त, दिन :  गुरुवार 


विक्रम संवत : 2079


शक संवत : 1944


अयन - दक्षिणायन


ऋतु - शरद ॠतु


मास - भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार श्रावण)


पक्ष - कृष्ण


तिथि - त्रयोदशी सुबह 10:37 तक तत्पश्चात चतुर्दशी


नक्षत्र - पुष्य शाम 04:16 तक  तत्पश्चात अश्लेशा


योग - वरीयान् 26 अगस्त रात्रि 01:57 तक तत्पश्चात परिघ


राहुकाल - दोपहर 02:16 से शाम 03:51 तक


सूर्योदय - 06:21


सूर्यास्त - 18:59


दिशाशूल - दक्षिण दिशा में


अमावस्या


भाद्रपद, कृष्ण अमावस्या, शनि अमावस्या

शनिवार, 27 अगस्त 2022

अमावस्या प्रारंभ: 26 अगस्त 2022 दोपहर 12:24 बजे

अमावस्या समाप्त: 27 अगस्त 2022 को दोपहर 01:47 बजे


व्रत पर्व विवरण -  मासिक शिवरात्रि, गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से शाम 04:16 तक)


विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

               

गुरुपुष्यामृत योग


25 अगस्त 2022 गुरुवार को सूर्योदय से शाम 04:16 तक गुरुपुष्यामृत योग है।


‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य आरएफ नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |


इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)

           

नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए


 26 अगस्त 2022 शुक्रवार को पीठोरी - दर्श अमावस्या एवं 27 अगस्त, शनिवार को कुशग्राहिणी अमावस्या है ।

घर में हर अमावस अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक (1 लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं । 

          

धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए


हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।

सामग्री : 1. काले तिल, 2. जौं, 3. चावल, 4. गाय का घी, 5. चंदन पाउडर, 6. गूगल, 7. गुड़, 8. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।

विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त 8 वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की 1-1 आहुति दें।


आहुति मंत्र

1- ॐ कुल देवताभ्यो नमः

2- ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः

3- ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः

4- ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः

5- ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः

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