विक्रम संवत : 2079
शक संवत : 1944
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा ऋतु
मास - आषाढ़
पक्ष - कृष्ण
तिथि - एकादशी रात्रि 11:12 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र - अश्र्विनी सुबह 08:04 तक तत्पश्चात भरणी
योग - सुकर्मा 25 जून प्रातः 05:14 तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल - सुबह 11:00 से दोपहर 12:41 तक
सूर्योदय - 05:59
सूर्यास्त - 19:22
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
एकादशी
शुक्रवार, 24 जून 2022- योगिनी एकादशी
अमावस्या
आषाढ़ अमावस्या बुधवार 29 जून, 2022।
प्रदोष
26 जून, रविवार- रवि प्रदोष व्रत.
पूजा मुहूर्त- शाम 07:23 बजे से रात 09:23 बजे तक
व्रत पर्व विवरण - योगिनी एकादशी
विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है।
राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।
-एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
-एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
-जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
योगिनी एकादशी
23 जून 2022 गुरुवार को रात्रि 09:42 से 24 जून, शुक्रवार को रात्रि 11:12 तक एकादशी है।
विशेष - 24 जून, शुक्रवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें।
योगिनी एकादशी (महापापों को शांत कर महान पुण्य देनेवाला तथा 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने का फल देनेवाला व्रत)
वास्तु शास्त्र
घड़ी
खराब घड़ी घर में नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घड़ियों की स्थिति से हमारे घर-परिवार की उन्नति निर्धारित होती है। यदि घड़ी सही नहीं होगी परिवार के सदस्य कार्य पूर्ण करने में बाधाओं का सामना करेंगे और काम निश्चित समय में पूर्ण नहीं हो पाएगा।
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