विक्रम संवत : 2079
शक संवत : 1944
अयन : उत्तरायण।
ऋतु : ग्रीष्म ऋतु
मास - आषाढ़
पक्ष - कृष्ण
तिथि - सप्तमी तिथि तक 21:03 बजे से अष्टमी तिथि लग जाएगी।
नक्षत्र - शतभिषा 20 जून प्रातः 04:53 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
योग - विष्कम्भ रात्रि 10:52 तक तत्पश्चात प्रीति
राहुकाल - शाम 07: 36 से शाम 09:17 तक
सूर्योदय - 05:54
सूर्यास्त - 19:27
पंचक
पंचक का आरंभ- 18 जून 2022, शनिवार को 18.44 मिनट से
पंचक का समापन- 23 जून 2022, गुरुवार को 06.01 मिनट पर।
एकादशी
शुक्रवार, 24 जून 2022- योगिनी एकादशी
अमावस्या
आषाढ़ अमावस्या बुधवार 29 जून, 2022।
प्रदोष
26 जून, रविवार- रवि प्रदोष व्रत.
पूजा मुहूर्त- शाम 07:23 बजे से रात 09:23 बजे तक
व्रत पर्व विवरण - आज मासिक जन्माष्टमी
विशेष - मासिक कालाष्टमी व्रत है।
आज आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। आज रात 21:03 बजे से अष्टमी तिथि लग जाएगी. ऐसे में रात्रि पूजा मुहूर्त को देखते हुए मासिक कालाष्टमी व्रत और मासिक जन्माष्टमी व्रत आज है। आज आपको भगवान श्रीकृष्ण और रुद्रावतार काल भैरव की पूजा करनी चाहिए। कालाष्टमी व्रत करने और काल भैरव की आराधना करने से रोग, दुख, पाप, संकट, भय आदि दूर हो जाते हैं। जो लोग नि:संतान हैं, उनको मासिक जन्माष्टमी व्रत रखते हुए लड्डू गोपाल की पूजा करनी चाहिए। बाल गोपाल श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से पुत्र प्राप्ति का योग बनता है। इसके लिए आप भगवान श्रीकृष्ण के संतान प्राप्ति मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
वैसे आज सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। ऐसे में आप स्नान के बाद भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, चंदन, सफेद फूल, अक्षत्, भस्म, शहद आदि अर्पित करते हुए पूजा करें. शिव कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। आज आप चंद्रमा की भी पूजा कर सकते हैं, जिससे की कुंडली का चंद्र दोष कम हो सकता है। हालांकि शिव आराधना से आपके सभी ग्रह दोष भी दूर हो जाएंगे।
कालाष्टमी पर करें काल भैरवाष्टक पाठ, रोग, ग्रह दोष और संकट होंगे दूर।
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