विक्रम संवत : 2079
शक संवत : 1944
अयन : उत्तरायण।
ऋतु : ग्रीष्म ऋतु
मास - ज्येष्ठ
पक्ष - शुक्ल
तिथि - सप्तमी सुबह 07:54 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 03:50 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग - वज्र ( 08 जून प्रातः 04:27) तक तत्पश्चात सिद्धि
राहुकाल - शाम 04:01 से 05:42 तक
सूर्योदय - 05:53
सूर्यास्त - 07:24
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:29 से 05:11 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12.18 से 01:00 तक
व्रत पर्व विवरण-
विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है । शरीर का नाश होता है । अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
गर्मिशामक, शक्तिप्रदायक व स्वास्थ्यरक्षक अनन्नास पेय
ग्रीष्म ऋतु में शरीर में जलीय अंश की कमी तथा दुर्बलता, थकान, जठराग्नि की मंदता आदि समस्याएँ होती हैं । इनसे सुरक्षित रखेगा अनन्नास पेय ।
आयुर्वेदानुसार अनन्नास मधुर, स्निग्ध, रुचिकर, शीतल, बलवर्धक, रक्तपित्त व वात-पित्त शामक, हृदय के लिए हितकर, पाचनशक्तिवर्धक तथा मूत्र खुलकर लानेवाला है ।
इसमें कैल्शियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस जैसे अनेक खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं । हड्डियों तथा उत्तकों ( टिश्यू ) के विकास में सहायक मैंगनीज भी प्रचुर मात्रा में होता है । विटामिन सी की प्रचुरता होने से यह रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है ।
यह भोजन में से लौह तत्व के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे खून की कमी दूर होती है । आधुनिक अनुसंधान के अनुसार यह टी.बी. में भी फायदेमंद है । यह आँतों की कीड़ों से रक्षा करता है तथा आँतों एवं गुर्दों (kidneys) को साफ रखता है । यह शरीर में से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे चयापचय ठीक होता है ।
पंचक
पंचक का आरंभ- 18 जून 2022, शनिवार को 18.44 मिनट से
पंचक का समापन- 23 जून 2022, गुरुवार को 06.01 मिनट पर।
एकादशी
शनिवार, 10 जून 2022- निर्जला एकादशी
शुक्रवार, 24 जून 2022- योगिनी एकादशी
अमावस्या
आषाढ़ अमावस्या बुधवार 29 जून, 2022।
प्रदोष
26 जून, रविवार- रवि प्रदोष व्रत.
पूजा मुहूर्त- शाम 07:23 बजे से रात 09:23 बजे तक
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