विक्रम संवत : 2079
शक संवत : 1944
अयन : उत्तरायण।
ऋतु : ग्रीष्म ऋतु
मास : वैैशाख
पक्ष : कृृष्ण
तिथि - एकादशी रात्रि 12:47 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र - शतभिषा शाम 04:56 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
योग - ब्रह्म शाम 07:06 तक तत्पश्चात इंद्र
राहुकाल - शाम 03:49 से शाम 05:25 तक
सूर्योदय - 06:12
सूर्यास्त - 19:00
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
पंचक
25 अप्रैल 2022, सोमवार को प्रात: 05:30 से,
29 अप्रैल 2022, शुक्रवार को सायंकाल 06:43 बजे तक
एकादशी
मंगलवार, 26 अप्रैल 2022- वरुथिनी एकादशी
गुरुवार, 12 मई 2022- मोहिनी एकादशी
गुरुवार, 26 मई 2022- अचला (अपरा) एकादशी
व्रत पर्व विवरण - भरूथिनी एकादशी,श्री वल्लभाचार्य जयंती
विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
-आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
-एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
-एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
वरूथिनी एकादशी
26 अप्रैल 2022 मंगलवार को वरूथिनी एकादशी है ।
वरूथिनी एकादशी (सौभाग्य, भोग, मोक्ष प्रदायक व्रत; १०,००० वर्षों की तपस्या के समान फल | माहात्म्य पढ़ने-सुनने से १००० गोदान का फल )
पुण्यदायी तिथियाँ व योग
03 मई - अक्षय तृतीया ( पूरा दिन शुभ मुहूर्त), त्रेता युगादि तिथि (स्नान, दान, जप, तप, हवन आदि का अनंत फल)
08 मई - रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से शाम 05:01 तक ), रविपुष्यामृत योग ( सूर्योदय से दोपहर 02:58 तक)
12 मई - मोहिनी एकादशी ( व्रत से अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का भी नाश)
15 मई - विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल: सूर्योदय से दोपहर 12:35 तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल)
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