प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
गोल्फ़ क्लब लखनऊ में साड़ी महिला समूह के तत्वधान में लखनऊ की विश्व प्रसिद्ध चिकन कलाकारी और चिकन साड़ी के महत्व और चुनौतियों पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें लखनऊ के परिधान संस्कृति की ध्वजवाहक चिकन साड़ी से जुड़े अनछुई क़िस्से-कहानियां फैशन के क्षेत्र से जुड़ी ख्यातिप्राप्त हस्तियों ने सुना कर उन यादों को फिर से एक बार ताजा किया।
कार्यक्रम की व्यवस्थापक प्रियंका गुप्ता, शालिनी सिंह व मेघना माथुर के साथ अपने-अपने क्षेत्र की लब्धप्रतिष्ठ महिलाओं एलएफएम सीआरओ ज्योत्सना, आलमबाग के एआर जयपुरिया स्कूल की निदेशक दिया बदगेल सहित फ़ैशन जगत की समझ रखने वाली जानी मानी हस्तियां शामिल हुईं। इन सभी ने लखनऊ के परिधान संस्कृति की ध्वजवाहक चिकन साड़ी से जुड़े तमाम अनछुए क़िस्से और यादों को विविधतापूर्ण तरीक़े से सुनाए। चिकन साड़ी की शान का बखान पल भर के लिए प्रतिभागियों के भावुक पलों को जीवंत कर दिया।
जगत प्रसिद्ध चिकनकारी कला की गौरवपूर्ण यात्रा और सौंदर्य सौष्ठव के साथ ही इस कला के वर्तमान काल की चुनौतियों पर भी गम्भीर विमर्श किया गया। क्षेत्रीय परिधान कला के रूप में इसके अस्तित्व और विकास पर भी प्रकाश डाला गया।
सभी प्रतिभागियों द्वारा चिकन साड़ी को महज़ एक वार्डरोब वस्त्र की तरह नहीं अपितु लखनऊ की एक स्थानिक कला के रूप में भी रेखांकित किया गया। सभी ने एक स्वर में इस साड़ी के प्रचार प्रसार के लिए निज स्तर से अशेष प्रयासों की प्रतिबद्ध भी जताई। ताकि इस कला और वस्त्र निर्माण से जुड़े प्रत्येक हाथ को उसके महत्व से परिचित कराने में सामाजिक भूमिका का सक्रिय निर्वहन हो सके।
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