"ॐ" उच्चारण में एक अद्भुत शक्ति

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प्रारब्ध अध्यात्म डेस्क,लखनऊ

 "ॐ" त्रिदेव और त्रैलोक्य का प्रतीक है। ॐ शब्द तीन ध्वनियों से बना हुआ है। यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है। यह भूः लोक,भुवः लोक और स्वर्ग लोक का प्रतीक भी है।ॐ शब्द की महिमा अपरम्पार है।

एक घड़ी आधी घड़ी, आधी में पुनि आध।  तुलसी चर्चा राम की, हरे कोटि अपराध।।
                                

1     घड़ी = 24 मिनट
1/2 घड़ी= 12 मिनट
1/4 घड़ी= 6 मिनट

6 मिनट ॐ का उच्चारण

वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि ॐ का उच्चारण  करने से सैकड़ों रोग दूर हो सकते हैं। जो की दवा करने से शीघ्र दूर नहीं होते हैं।

6 मिनट ॐ का उच्चारण करने से मस्तिक में विशेष कंपन(vibration) होता है और ऑक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त मात्रा में होने लगता है। इससे कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं स्ट्रेस और टेंशन भी दूर होता है। स्मरण शक्ति बढ़ती है।


लगातार सुबह शाम 6 मिनट ॐ के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है। जिससे रक्तचाप,
हृदय रोग आदि जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।


एक महीने तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक ॐ उच्चारण से पाचन तंत्र, लीवर, आंतों को शक्ति प्राप्त होती है और डाइजेशन सही होता है। इससे सैकड़ों उदर रोग दूर हो जाते हैं।


मात्र 2 सप्ताह दोनों समय ॐ उच्चारण से घबराहट, बेचैनी, भयव एंग्जाइटी जैसे रोग दूर होते हैं।कंठ में विशेष कंपन होता है जिससे मांसपेशियों को शक्ति मिलती है। थायराइड, गले की सूजन दूर हो जाती है और स्वर दोष भी दूर होने लगते हैं।


यह एक उच्च स्तर का प्राणायाम होता है।इससे विशेष कंपन होता है। फेफड़े मजबूत होते हैं। स्वसन तंत्र की शक्ति बढ़ती है। 6 माह में अस्थमा, राज्यक्षमा (TB) जैसे रोगों में लाभ होता है। आयु बढ़ती है।


यह सारे रिसर्च (शोध) विश्ववस्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं। छः मिनट तक ॐ का उच्चारण लम्बे स्वर में करने से शरीर स्वस्थ होता है।

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