विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : उत्तरायण
ऋतु - वसंत ऋतु प्रारंभ
मास - फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार- माघ)
पक्ष - शुक्ल
तिथि - षष्ठी रात्रि 12:31 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र - कृत्तिका पूर्ण रात्रि तक
योग - वैधृति रात्रि 12:28 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
राहुकाल - शाम 03:48 से शाम 05:17 तक
सूर्योदय - 06:54
सूर्यास्त - 18:44
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
पंचक
पंचक का आरंभ 28 मार्च 2022, सोमवार को रात्रि 11.55 बजे से
पंचक का समापन- 2 अप्रैल 2022, शनिवार को सुबह 11.21 बजे तक
एकादशी
सोमवार, 14 मार्च 2022- आमलकी एकादशी
सोमवार, 28 मार्च 2022- पापमोचनी एकादशी
प्रदोष
15 मार्च, दिन: मंगलवार, भौम प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त: शाम 06:29 बजे से रात 08:53 बजे तक
29 मार्च, दिन: मंगलवार, भौम प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त: शाम 06:37 बजे से रात 08:57 बजे तक
पूर्णिमा
17 मार्च, दिन: गुरुवार: फाल्गुन पूर्णिमा
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - षष्ठी
होलाष्टक विशेष
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर फाल्गुन मास की पूर्णिमा यानी होली के दिन तक का काल "होलाष्टक" कहलाता है | इन दिनों में शादी, ब्याह, सगाई आदि के काम नहीं किये जाते, लेकिन अगर जप-तप करते हैं तो बहुत फायदा होता है | चमत्कारिक फायदा होता है |
विशेष ~ 09 मार्च 2022 बुधवार से होलाष्टक प्रारंभ।
राजमा से सावधान
ये सीजन गर्मी की है इन गर्मी की सीजनों में राजमा खाने वालें सावधान | इस सीजन में राजमा जल्दी पचता नही फिर गोंड़ों का और जोंड़ों का दर्द अदि करता है |
कर्जे के भार से बचें
उबटन वाला स्नान यानी सात चीजों का उबटन लगा के नहाओ सात चीजें हैं :
1- गेहूँ
2- चावल ( जो ज्वार खाते हों वो ज्वार और जो चावल खाते हों वो चावल ले सकते हैं )
3- मूँग
4- चना
5- उड़द
6- जौं
7- तिल कर्जे के भार से छुड़ाने में बड़ा काम करेगा।
इस का समान भाग मिश्रण बना लें उसको चक्की में पिसवाकर उस पाउडर का घोल बनाकर उससे नहाऐं पहले ललाट पर (भस्म की तरह बीच की तीन उँगलियों से लगायें) लगायें आधा-एक मिनट “ॐ नमः शिवाय ” बोलें इससे पाप नाशिनी ऊर्जा पैदा होगी और स्वास्थ्य में कितने लाभ होगें बता नहीं सकते, साबुन लगाने से डिप्रेशन होता है, शरीर के रोम-कूप पर बुरा असर पड़ता है।
सप्त धान उबटन का स्नान रोज करो | बहुत मदद मिलेगी। गृह पीड़ा दूर होगी बहुत फायदा होगा |
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