काले तिल
अष्टांग संग्रहकर श्री वाग्भट्टाचार्यजी के अनुसार 15 से 25 ग्राम काले तिल सुबह चबा-चबाकर खाने व ऊपर से शीतल जलपीने से सम्पूर्ण शरीर–विशेषत: हड्डियाँ, दांत, संधियाँ व बाल मजबूत बनते हैं।
पेट सम्बन्धी तकलीफों में
नींबू के रस में सौंफ भिगो दें और जितना नींबू का रस, उतना ही सौंफ भी ले। फिर सौंफ में थोड़ा काला नमक या संत कृपा चूर्ण मिलाकर तवे में सेंक कर रख दें। इसके सेवन से पेट का भारीपन, बदहाजमी दूर होगी और भूख खुलकर लगेगी। कब्ज़ की तकलीफ भी ठीक हो जायेगी।
कफ़ रोग का इलाज
50 ग्राम शहद (honey), 50 ग्राम लहसुन (garlic), 1 ग्राम तुलसी के बीज पीस कर उसमें डाल दो, चटनी बन गयी थोड़ा-थोड़ा बच्चे को चटाओ हृदय भी मजबूत हो जायेगा, कफ़ भी नाश हो जायेगा।
अस्थिरोग
जिनकी अस्थियाँ जकड गयी हो, टूट गयी हों, टेडी-मेढ़ी हो गयी हों अथवा जिनकी अस्थियों में पीड़ा होती हो, उनके लिए शीत ऋतू में लहसुन का उचित मात्रा में सेवन बहुत लाभदायी है l लहसुन के छिलके उतारकर रात को खट्टी छाछ में भिघोकर रखें l सुबह धोके पीसकर रस निकालें l 1 से 4 ग्राम रस में उतना ही तिल का तेल अथवा घी मिलाकर पियें l आहार सात्विक, सुपाच्य लें l
सावधानी : लहसुन तामसी होने के कारण रुग्णावस्था में भी इसका सेवन औषधवत करना चाहिए।
वसंत ऋतू में विशेष उपयोगी कफनाशक पेय
आधा लीटर पानी में 3 से 5 तेजपत्ते, 2 इंच अदरक के 1 या 2 टुकड़े (काट के ) और 3–4 लौंग डाल के 10–15 मिनट उबालें। ठंडा होने पर छान के 2 चम्मच शहद मिलाकर रख लें। इसे दिन में तीन–चार बार आधा कप गुनगुने पानी में थोडा-थोडा डाल के पिये। बिना शहद मिलाये मधुमेह में भी ले सकते हैं।
लाभ : यह प्रयोग रुचिवर्धक, पाचक, रक्तशोधक, व उत्तम कफशामक है। सर्दी, जुकाम और खाँसी में लाभदायी है। वसंत ऋतू में कफजन्य समस्याएँ ज्यादा होती हैं। अत: इन दिनों में यह विशेष उपयोगी है। इसमें लौंग होने से यह प्रयोग श्वासनली में जमा कफ को आसानी से बाहर निकालता है। अदरक वायरस से लड़ने में सहायक है।
वसंत ऋतु के विशेष प्रयोग
2 से 3 ग्राम हरड चूर्ण सुबह खाली पेट लेने से 'रसायन' के लाभ प्राप्त होते हैं |
15 से 20 नीम के पत्ते तथा 2-3 काली मिर्च 15-20 दिन चबाकर खाने से वर्षभर चर्मरोग, ज्वर, रक्तविकार आदि रोगों से रक्षा होती है |
अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े कर उसमें नींबू का रस और थोडा नमक मिला के सेवन करने से मंदाग्नि दूर होती है |
5 ग्राम रात को भिगोयी हुई मेथी सुबह चबाकर पानी पीने से पेट की गैस दूर होती है |
रीठे का छिलका पानी में पीसकर 2-2 बूँद नाक में टपकाने से आधासीसी (सिर) का दर्द दूर होता है |
10 ग्राम घी में 15 ग्राम गुड़ मिलाकर लेने से सूखी खाँसी में राहत मिलती है |
10 ग्राम शहद, 2 ग्राम सोंठ व 1 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम चाटने से बलगमी खाँसी दूर होती है |
सावधानी : मुँह में कफ आने पर उसे तुरंत बाहर निकाल दें | कफ की तकलीफ में अंग्रेजी दवाइयाँ लेने से कफ सूख जाता है, जो भविष्य में टी.बी., दमा, कैंसर जैसे गम्भीर रोग उत्पन्न कर सकता है | अतः कफ बढ़ने पर ? जकरणी जलनेति का प्रयोग करें।
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