सुप्रीम कोर्ट से जांच कराने की उठाई मांग, सीबीआई और ईडी भी मामला दर्ज करने की करें पहल
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, नई दिल्ली
कांग्रेस ने बुधवार को गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर छह हजार करोड़ रुपये के कोयला घोटाले का आरोप लगाया है। पार्टी ने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट से कराने मांग की है। कहा, पूरी जांच समयबद्ध तरीके से होनी चाहिए।
कांग्रेस ने जांच सुप्रीम कोर्ट के ही किसी मौजूदा जज की निगरानी में कराने की मांग भी उठाई है।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को मामला दर्ज करना चाहिए। साथ ही जांच शुरू कर देनी चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट में लिखा है कि 60 लाख टन कोयला 'गायब'! क्या इस कोयला घोटाले पर प्रधान 'मित्र' मंत्री जी कुछ कहेंगे?''
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा कि यूपीए सरकार ने छोटे उद्योगों को किफायती दर पर अच्छी गुणवत्ता वाला कोयला उपलब्ध कराने की नीति वर्ष 2007 में शुरू की थी। इसके तहत राज्यों से कहा गया था कि कोल इंडिया की खदानों से उनके पास कोयला सीधे पहुंच जाएगा और वे छोटे उद्योगों को कोयला मुहैया करा दें। गुजरात सरकार ने खुद यह काम करने के बजाय कुछ एजेंसियों को दे दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि 60 लाख टन कोयला जो छोटे उद्योगों को मिलना चाहिए था, उसे राज्य के बाहर दूसरे उद्योगों को कई गुना भाव पर बेच दिया गया। इसकी कीमत 6000 करोड़ रुपये है। यह छह हजार करोड़ रुपये का घोटाला है।
वल्लभ ने दावा किया कि पिछले 14 साल में गुजरात के उद्योग विभाग ने इन एजेंसियों को नहीं बदला, जबकि दूसरे राज्यों में उद्योग विभाग स्वयं यह काम कर रहा है। पहले नरेंद्र मोदी जी मुख्यमंत्री होने के साथ राज्य के उद्योग मंत्री रहे। उनके बाद विजय रूपाणी और भूपेंद्र पटेल भी मुख्यमंत्री होने के साथ उद्योग मंत्री रहे।
उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की देखरेख में समयबद्ध जांच हो और वर्ष 2007 से अब तक के सभी मुख्यमंत्रियों की भूमिका की भी जांच हो। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस संबंध में सीबीआई, ईडी तथा अन्य एजेंसियों को मामला दर्ज करना चाहिए।
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