सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ स्वामी प्रसाद मौर्या। |
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित होने के साथ ही प्रदेश में सियासी दलों में सेंधमारी शुरू हो गई है। राजनैतिक दलों से लेकर राजनेता भी अपने अपने समीकरण साधने लगे हैं, जिससे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी उठा-पटक शुरू है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में उपेक्षित चल रहे कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा का दामन छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) का हाथ पकड़ लिया है। साथ ही योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उनके साथ अपनी तस्वीर अपने ट्वीटर अकाउंट पर साझा की है। हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने उनके पार्टी छोड़ने पर ट्वीट कर मिल-बैठकर समस्या का समाधान निकालने की बात कही है।
कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के पार्टी छोड़ने के बाद से भाजपा में भगदड़ सी मच गई है। उनके साथ-साथ कई और मंत्री और विधायकों के पार्टी छोड़ने की बात बताई जा रही है। उसमें मंत्री दारा सिंह चौहान और आयुष के राज्य मंत्री धर्म सिंह सैनी ने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया है। इसके साथ ही चार और विधायक भी भाजपा का साध छोड़ दिया है।
भाजपा से विधायकों का लगातार हो रहा पलायन भाजपा नेतृत्व के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। विधानसभा चुनाव के समय पार्टी में मची भगदड़ को नियंत्रित करना भी बड़ी चुनौती बन गया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर मंत्री पद से इस्तीफा दिया। साथ ही अपने त्यागपत्र में लिखा है कि दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगारों, नौजवानों, एवं छोटे लघु और मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा के चलते मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
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