Spritual:भगवान शंकर को महादेव नाम से पुकारने का कारण

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प्रारब्ध ब्यूरो लखनऊ- अध्यात्म

देवादि देव भगवान भोलेनाथ को कई नामों से जाना जाता है, जैसे शिव, शंकर, नीलकंठ, कैलाशपति, दीनानाथ आदि। उनको कई उपाधियां और नामों से संबोधित किया जाता है और हर नाम के पीछे कोई ना कोई कहानी और चमत्कार है। इन्हीं नामों से एक नाम महादेव है।


हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार केवल शिव जी को ही महादेव नाम से पुकारा जाता है. अन्य किसी देवता को इस नाम की संज्ञा नहीं दी गई है।


 शिव पुराण में इसका उल्लेख मिलता है, कि शिव भगवान को महादेव क्यों कहा जाता है।  कहा जाता है कि शिव ही आदि और अनंत है। इस सृष्टि के निर्माण से पहले भी शिव हैं और सृष्टि के खत्म हो जाने के बाद भी वही रहेंगे। इसका मतलब यही है कि इस पृथ्वी पर जो भी है वह शिव ही है।हिंदू धर्म के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश यह तीन मुख्य देवता हैं और यह त्रिदेव एक ही माने जाते हैं।


वेद- पुराण के अनुसार शिवजी से ही भगवान विष्णु की उत्पत्ति हुई है और भगवान विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी उत्पन्न हुए हैं। तत्पश्चात भगवान शिव की आज्ञा अनुसार ही ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि का निर्माण किया है और भगवान विष्णु इस ब्रह्मांड का पालन पोषण करते आए हैं। 


कहा जाता है इन त्रिदेव में से महेश अर्थात शिव ही कलयुग के बाद इस सृष्टि का संघार करेंगे। ऐसा वेदों पुराणों में उल्लेखित है। अतः शिवजी ही महाशक्तिशाली हैं और संपूर्ण और ब्रह्मांड उन्हीं के इशारे मात्र से चल रहा है इसलिए भोलेनाथ को महादेव कहा जाता है।

 

 



 

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