विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शिशिर
मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार - पौष)
पक्ष - कृष्ण
तिथि - नवमी 27 जनवरी प्रातः 04:34 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र - स्वाती सुबह 10:07 तक तत्पश्चात विशाखा
योग - गण्ड 27 जनवरी प्रातः 04:09 तक तत्पश्चात वृद्धि
राहुकाल - दोपहर 12:51 से दोपहर 02:15 तक
सूर्योदय - 07:18
सूर्यास्त - 18:23
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
पंचक-
पंचक का आरंभ- 1 फरवरी 2022, मंगलवार को 06.45 मिनट से
6 फरवरी 2022, रविवार को 17.10 मिनट पर।
व्रत और त्योहार
एकादशी
28 जनवरी : षटतिला एकादशी
प्रदोष
30 जनवरी : रवि प्रदोष
व्रत पर्व विवरण -गणतंत्र दिवस
विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
इन तिथियों व योगों का लाभ अवश्य लें
28 जनवरी - षट्तिला एकादशी (स्नान, उबटन, जलपान, भोजन, दान व होम में तिल के उपयोग से पाप-नाश)
31 जनवरी - सोमवती अमावस्या ( दोपहर 02:19 से 01 फरवरी सूर्योदय तक) (तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता नाश)
05 फरवरी - वसंत पंचमी ( इस दिन सारस्वत्य मन्त्र का जप विशेष लाभदायी, अधिक-से-अधिक जप करें |)
07 फरवरी - माघ शुक्ल सप्तमी ( प्रात: पुण्यस्नान व व्रत करके गुरु-पूजन करने से सम्पूर्ण माघ-स्नान के फल व वर्षभर के रविवार व्रत के पुण्य की प्राप्ति तथा सम्पूर्ण पापों का नाश व सुख-सौभाग्य की वृद्धि )
09 फरवरी - बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से सुबह 08:32 तक)
12 फरवरी - जया एकादशी (व्रत से ब्रह्महत्यातुल्य पाप व पिशाच्यत्व का नाश)
13 फरवरी - विष्णुपदी संक्रान्ति (पुण्यकाल :सूर्योदय से दोपहर 12:53 तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल)
14 फरवरी - मात्रृ-पितृ पूजन दिवस, माघ शुक्ल त्रयोदशी इस दिन से माघी पूर्णिमा (16 फरवरी) तक प्रात: पुण्यस्नान तथा दान, व्रत आदि पुण्यकर्म करने से सम्पूर्ण माघ-स्नान का फल |)
वायु की तकलीफ में
वायु की तकलीफ है, जोडों का दर्द है तो 10-15 तुलसी के पत्ते, 1-2 काली मिर्च, 10-12 ग्राम गाय का घी मिलाकर खाया करें l वायु सम्बन्धी बीमारियों में आराम होगा l
दीर्घायु के लिए
2 ग्राम सौंठ में पानी मिलाकर रात को लोहे की कड़ाही के अंदर लेप करें l प्रातः काल वह सौंठ दूंध में मिलाकर पीने से दीर्घायुश की प्राप्ति होती है l
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