विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शिशिर
मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार - पौष)
पक्ष - कृष्ण
तिथि - चतुर्थी सुबह 09:14 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी सुबह 10:38 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग - शोभन दोपहर 02:07 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
राहुकाल - सुबह 10:04 से सुबह 11:27 तक
सूर्योदय - 07:19
सूर्यास्त - 18:21
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
व्रत और त्योहार
एकादशी
28 जनवरी : षटतिला एकादशी
प्रदोष
30 जनवरी : रवि प्रदोष
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
ग्रह दोष की शांति के लिए
कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति हो तो दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है। किसी एक ग्रह की वजह से भी हमारे कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। यहां जानिए ज्योतिष शास्त्र के कुछ ऐसे उपाय,जिनसे ग्रहों के दोष दूर होते हैं और बाधाएं दूर हो सकती हैं।
सूर्य से संबंधित दोष को दूर करने के लिए शिवलिंग पर पीले फूल अर्पित करना चाहिए ।
चंद्र से संबंधित दोष दूर करने के लिए शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
मंगल दोष दूर करने के लिए शिवलिंग पर कुम -कुम और लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए ।
बुद्ध संबंधित दोषों से मुक्ति के लिए शिवलिंग पर बिल्ब पत्र अर्पित करें ।
गुरु के दोषों को दूर करने के लिए शिवलिंग पर चने की दाल और बेसन के लड्डू अर्पित करें।
शुक्र के दोष दूर करने के लिए शिवलिंग पर हर रोज जल अर्पित करें ।
शनि,राहु और केतु से संबंधित दोषों से मुक्ति के लिए शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करना चाहिए।
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