विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शिशिर
मास - पौस
पक्ष - शुक्ल
तिथि - चतुर्दशी 17 जनवरी रात्रि 03:18 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
नक्षत्र - आर्द्रा 17 जनवरी रात्रि 02:09 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग - इन्द्र शाम 03:21 तक तत्पश्चात वैधृति
राहुकाल - शाम 04:56 से शाम 06:18 तक
सूर्योदय - 07:19
सूर्यास्त - 18:17
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
व्रत और त्योहार
एकादशी
28 जनवरी : षटतिला एकादशी
प्रदोष
30 जनवरी : रवि प्रदोष
पूर्णिमा
17 जनवरी : पौष पूर्णिमा
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - चतुर्दशी और पूर्णिमा रविवार, और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
किसानो के लिए
अपना खेत हो तो खेत में पश्चिम की तरफ पीपल का पेड़ लगा दो, पितर लोग राजी होंगे व सुख शांति होगी l खेत में कुआँ पूर्व-उत्तर के कोने में हो l पश्चिम और दक्षिण की तरफ अपना निवास हो खेत में बरकत आएगी l
कदवृद्धि
जिन बच्चों का कद नहीं बढता वे पुलअप्स का अभ्यास करें और बेल के 6 पते व 2-4 काली मिर्च हनुमानजी का स्मरण करते हुए चबा चबाकर खाएं उसमे पानी डाल के पीसकर भी खा सकते हैं l
कैन्सर में
1-सुबह मंजन करने के पहले बासी मुंह, 1 तोला (10-12 मि. ग्रा.) देशी गाय का गौ मूत्र छानकर ले या ये न मिले तो गौझरण में 10-12 मि.ग्रा पानी डाल के लें( आश्रम में मिलता है )थोड़े दिन में कैन्सर की बीमारी मिट जायेगी l
if you have any doubt,pl let me know