विक्रम संवत : 2078 (गुजरात - 2077)
शक संवत : 1943
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शिशिर
मास - पौस
पक्ष - शुक्ल
तिथि - षष्ठी सुबह 10:42 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद 09 जनवरी सुबह 07:10 तक तत्पश्चात रेवती
योग - वरीयान सुबह 11:41 तक तत्पश्चात परिघ
राहुकाल - सुबह 10:02 से सुबह 11:24 तक
सूर्योदय - 07:19
सूर्यास्त - 18:11
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
पंचक
5 जनवरी 2022, बुधवार संध्या 07:55 बजे से 10 जनवरी 2022, सोमवार को सुबह 08:50 बजे तक- राज पंचक
व्रत और त्योहार
एकादशी
13 जनवरी : पौष पुत्रदा एकादशी
28 जनवरी : षटतिला एकादशी
प्रदोष
14 जनवरी : शनि प्रदोष
30 जनवरी : रवि प्रदोष
पूर्णिमा
17 जनवरी : पौष पूर्णिमा
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
मन की शान्ति
मोर पंख आसन के नीचे रखने से मन में शान्ति मिलती है, ध्यान भजन में मन लगता है ।
बच्चों का रोना
रात को बच्चे उठकर रोते हैं तो दूध आदि पिलाकर/पिलाते हुए सिर पर हाथ घुमाते हुए गुरु मंत्र जप करें, तुलसी की माला पहनाये।
भोजन के पहले और बाद में
भोजन के पहले और बाद में चिंता की बात न सुनो, न सुनाओ; किसी को दुःख की बात सुनानी हो तो देर से सुनाओ, जरा बुद्धिमानी से सुनाओ; दुःख सहने की शक्ति भरते हुए उसे दुःख की बात बताओ।
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