वरिष्ठ पत्रकार के ईसाल-ए-सवाब के लिए पसमांदा मुस्लिम समाज की बैठक
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ
एनडीटीवी के उत्तर प्रदेश के प्रमुख रहे वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान सिर्फ एक पत्रकार नहीं थे, बल्कि गंगा जमुनी तहजीब को जीने वाली शख्सियत थे। उनके जाने से देश की गंगा जमुनी तहजीब अफसोस ज़दा है। गंगा जमुनी तहजीब के पैरोकार देश में बहुत मिल जायेंगे, लेकिन कमाल खान शख्सियत की कमी हमेशा करेगी। यह बातें पसमांदा मुस्लिम समाज के बेलदारी लेन स्थिति कार्यालय में एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान के ईसाल-ए-सवाब के लिए आयोजित बैठक में सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहीं।
अनीस मंसूरी ने कमाल खान साहब की जुड़ी यादों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें रामायण की ढेरों चौपाइयों याद थीं। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के समय कमाल खान ने कहा था कि राम को बचपन से लेकर बडी उम्र तक कभी गुस्सा नहीं आया। वह बहुत ठंडे दिमाग से हर बात शख्सियत की बात सुनते थे और फैसला भी करते थे।
उन्होंने कहा कि जब श्रीराम चन्द्र जी को बनवास का आदेश मिला था तो उन्होंने रोष नहीं जताया। जब 14 वर्षों के बाद उन्हें राजगददी मिली तो उनके चेहरे पर ज़रा भी घमंड नहीं झलका था।
उन्होंने कहा कि कमाल खान के निधन पर पूरा देश दुःखी है। हम सभी पसमांदा मुस्लिम समाज के लोग अल्लाह पाक से उनकी मगफिरत की दुआ करते हैं। बैठक में मौलाना मोहम्मद इलियास नदवी मंसूरी ने कमाल खान के ईसाल- ए-सवाब के लिये दुआ की।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईनी, प्रदेश सचिव हाजी शब्बन मंसूरी, मोईनुद्दीन, एडवोकेट मौलाना शकील, इलियास मंसूरी और नरेन्द्र सिंह यादव मौजूद रहे।
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