हद है, पांच सौ रुपये के लिए एएनएम व आशा कार्यकर्ता एक-दूसरे के फाड़ने लगीं कपड़े

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आशा कार्यकर्ता के बाद नोचती एएनएम।

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, जमुई


केंद्र से लेकर राज्य सरकार जहां आमजन को सरकारी योजना का लाभ देने का दावा कर रही हैं। वहीं, सरकारी अस्पतालों में घूसखोरी चरम पर है। अब ताे सरकारी कर्मचारी तो रिश्वत पर अपना अधिकारी समझने लगे हैं। रिश्वत नहीं मिलने पर सरकारी लाभान्वित ही नहीं, आपस में भी मारपीट करने में आमदा हो रह हैं। ताजा मामला बिहार के जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड स्थित रेफरल अस्पताल का है।

मारने के लिए हाथ में चप्पल लिए एएनएम।

रेफरल अस्पताल में नवजात शिशु को बीसीजी का टीका लगवाने के लिए आशा कार्यकर्ता और एएनएम के बीच जमकर मारपीट हो गई। दोनों अस्पताल परिसर में ही कर्मचारियों और लाभार्थियों के सामने एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने लगीं। अस्पताल में दोनों महिला कर्मचारियों के बीच हुई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

बीच-बचाव कर दोनों को अलग करते कर्मचारी।

रविवार को लक्ष्मीपुर प्रखंड स्थित रेफरल अस्पताल में बच्चे का जन्म हुआ था। प्रसूता को साथ लेकर आशा कार्यकर्ता रिंटू कुमारी नवजात शिशु को बीसीजी का टीका लगवाने के लिए एएनएम रंजना कुमारी के पास पहुंची। आशा कार्यकर्ता रिंटू का आरोप है कि टीका लगाने के बदले में उसने पांच सौ रुपये मांगे।



प्रसूता और उसके परिजनों ने रुपये नहीं दिए तो एएनएम नवजात शिशु व प्रसूता को भगाने लगी। आरोप कि टीका लगाने से इन्कार कर दिया। विरोध करने पर एएनएम उनके साथ अभद्रता एवं दुर्व्यवहार करने लगी। नवजात और प्रसूता को टीका लगवाने के लिए लेकर आई आशा कार्यकर्ता रिंटू कुमारी ने भी इसका विरोध किया। इस पर आशा कार्यकर्ता रिंटू और एएनएम रंजना कुमारी के बीच तू-तू, मैं-मैं होने लगी। धीरे-धीरे विवाद बढ़ता चला गया, जो मारपीट में बदल गया।


वीडियो में स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है कि अस्पताल परिसर में ही दोनों मारपीट कर रही हैं। वहीं, पास खड़े युवक ने मारपीट का वीडियो बना कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। जब इस प्रकरण की जानकारी अस्पताल के वरीय पदाधिकारियों को हुई। इस मामले की जांच में जुटे हुए हैं।


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